मुख्यमंत्री चन्नी ने की नवजोत सिंह सिद्धू से बात, कहा- मतभेदों को सुलझाने के लिए किया आमंत्रित

Punjab CM Channi invites Sidhu for talks to resolve differences
मुख्यमंत्री चन्नी ने की नवजोत सिंह सिद्धू से बात, कहा- मतभेदों को सुलझाने के लिए किया आमंत्रित
पंजाब सियासत मुख्यमंत्री चन्नी ने की नवजोत सिंह सिद्धू से बात, कहा- मतभेदों को सुलझाने के लिए किया आमंत्रित
हाईलाइट
  • जो कोई भी पार्टी अध्यक्ष होता है वह परिवार का मुखिया होता है- सीएम चन्नी

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू से बात की है और उन्हें बातचीत करने और मतभेदों को सुलझाने के लिए आमंत्रित किया है। सिद्धू के राज्य कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद उनकी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि वह अपनी आखिरी सांस तक सच्चाई के लिए लड़ेंगे, क्योंकि लड़ाई उन सिद्धांतों के लिए है, जिनसे वह समझौता नहीं करेंगे।

चन्नी ने यहां मीडिया से कहा, जो कोई भी पार्टी अध्यक्ष होता है वह परिवार का मुखिया होता है। मैंने उन्हें फोन किया था और कहा था कि पार्टी सर्वोच्च है। मैंने उनसे फोन पर बात की है और उनसे कहा कि चलो बैठो, बात करो और इस मुद्दे को सुलझाओ। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान की मांग के अनुसार, सरकार धार्मिक बेअदबी और उसके बाद पुलिस फायरिंग जैसे संवेदनशील मामलों को संभालने के लिए सरकारी वकीलों और वकीलों की एक समर्पित टीम नियुक्त कर रही है। सिद्धू ने बुधवार को अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा था, मैं अपनी आखिरी सांस तक सच्चाई के लिए लड़ूंगा।

सिद्धू ने स्पष्ट रूप से कहा था, यह व्यक्तिगत लड़ाई नहीं बल्कि सिद्धांतों की लड़ाई है। मैं सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि वह राज्य में पहली बार अनुसूचित जाति के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में नवगठित राज्य मंत्रिमंडल में दागी मंत्रियों को वापस लाए जाने को स्वीकार नहीं करेंगे। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने पंजाबी में एक वीडियो संदेश में कहा कि उनका एकमात्र धर्म लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि उन्होंने न्याय के लिए और पंजाब के एजेंडे के लिए लड़ाई लड़ी थी।

उन्होंने कहा, मैं पंजाब में मुद्दों के साथ समझौता, एजेंडा देख रहा हूं। उन्होंने कहा, मेरी किसी से कोई व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता नहीं है। मेरे 17 साल के राजनीतिक करियर का मकसद बदलाव लाना, स्टैंड लेना और लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। यही मेरा एकमात्र धर्म है। पहले विस्तार, विभागों के आवंटन और महाधिवक्ता सहित महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों से नाखुश सिद्धू ने मंगलवार को 71 दिनों तक पंजाब कांग्रेस प्रमुख के पद पर रहने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

(आईएएनएस)

Created On :   29 Sept 2021 4:00 PM IST

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