सत्ता में वापसी के लिए पसीना बहा रहीं प्रियंका
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है। राजनीतिक पार्टियां जनता से जुड़ने के लिए हर हथकंड़े अपनाना शुरू कर दिए है। बता दें कि दिलचस्प बात यह है कि प्रियंका गांधी की राजनीतिक सक्रियता ने यूपी में विरोधी पार्टियों की नींद उड़ा कर रख दी हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी से लेकर सभी विपक्षी दल और तमाम संगठन अपने-अपने अंदाज में रैलियों, यात्राओं वगैरह के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। इन्हीं सबके बीच कांग्रेस पार्टी भी यूपी में खोई जमीन वापस पाने की कोशिश में है। कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार पसीना बहा रही हैं। आपको बता दें कि प्रियंका की सक्रियता ने राजनीतिक पंडितों को चौंका कर रख दिया है। चाहे लखीमपुर खीरी की सक्रियता हो या आगरा में पुलिस कस्टडी में मौत केस, प्रियंका सरकारी मशीनरी से सीधे मोर्चा लेते हुए पीड़ित परिवार तक पहुंच रही हैं। महीने भर में वह दो बार पुलिस हिरासत में ली जा चुकी हैं। अपने दौरे में प्रियंका पीड़ित परिवार से उनके घर के सदस्य की तरह ढांढस बंधाती हैं, यही नहीं अपनी पार्टी की तरफ से मुआवजे और समर्थन का भी एलान करती हैं।
जब रात में ही लखीमपुर खीरी रवाना हुई प्रियंका
आपको बता दें कि यूपी में तमाम राजनीतिक दल पहले भी ऐसा करते रहे हैं लेकिन एक के बाद एक लगातार इस तरह का ट्रेंड पहली बार देखने को मिल रहा है। लखीमपुर खीरी हिंसा कांड में प्रियंका गांधी ने जिस तरह से मोर्चा संभाला, उसने उत्तर प्रदेश के तमाम सियासी दलों को पीछे छोड़ दिया। जिस रात सपा से लेकर बीएसपी तक के नेता लखनऊ पुलिस का नोटिस रिसीव कर रहे थे, उसी रात प्रियंका ने न सिर्फ नोटिस रिसीव करने से मना कर दिया, बल्कि रात में ही लखीमपुर खीरी रवाना हो गईं।
प्रियंका के साथ पुलिस ने की थी मशक्कत
यूपी पुलिस ने प्रियंका को कई जगह टोल ब्लॉक वगैरह कर रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं रुकीं। पूरी रात कई जिलों की पुलिस प्रियंका के पीछे भागती रही, करीब 5 घंटे के बाद सुबह तड़के आखिरकार प्रियंका को सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया। यहां वह गेस्ट हाउस में हाउस अरेस्ट रहीं। फिर यहां से रिहा होने के बाद वह सीधे लखीमपुर खीरी गईं और वहां पीड़ित किसान और पत्रकार के परिवार से मुलाकात की। दो किसान बहराइच के भी थे तो प्रियंका वहां भी परिवार से मिलने पहुंची। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को पंजाब और छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से 50-50 लाख का मुआवजा भी दिलवाया। वैसे लखीमपुर खीरी में पीड़ित परिवार से मुलाकात तो तमाम पार्टियों के नेताओं ने की लेकिन चर्चा में प्रियंका ही रहीं। इस दौरान उनकी गले मिलने की तस्वीर भी काफी वायरल हुई।
आगरा में मृतक परिजनों से की थी मुलाकात
इसके कुछ ही दिनों बाद आगरा में एक सफाई कर्मचारी की पुलिस हिरासत में मौत का मामला सामने आया। यहां भी प्रियंका लखनऊ से अचानक आगरा रवाना हो गईं। प्रियंका के मूवमेंट की जानकारी मिलते ही यूपी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया लेकिन हंगामा मचने के बाद प्रियंका को चार लोगों के साथ आगरा जाने की इजाजत दी गई।
ललिपुर जाकर किसान परिवारों से मिली
बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ललितपुर में खाद की कथित कालाबाजारी और कर्ज के बोझ के चलते जान गंवाने वाले चार किसानों के परिजनों से शुक्रवार सुबह मुलाकात की। उन्होने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया है। प्रियंका ने बाद में पत्रकारों से कहा, मैं चार किसानों के परिवारों से मिली जिनमें से दो ने आत्महत्या कर ली और दो अन्य ने खाद के लिए कुछ दिनों तक कतार में खड़े रहने के दौरान अपनी जान गंवा दी। वो कई दिनों तक बिना भोजन के लगातार खड़े रहे और मर गए। उन्होंने कहा, सरकार के पास खाद वितरण की व्यवस्था है और यह साफ है कि कालाबाजारी करने वाले अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत के कारण यह विफल रही है।
Created On :   29 Oct 2021 10:54 PM IST