जाखड़ के बयान के बाद गरमाई राजनीति, अकाली दल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया से मांगा इस्तीफा

Politics heats up after Jakhars statement, Akali Dal seeks resignation from Congress President Sonia
जाखड़ के बयान के बाद गरमाई राजनीति, अकाली दल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया से मांगा इस्तीफा
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 जाखड़ के बयान के बाद गरमाई राजनीति, अकाली दल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया से मांगा इस्तीफा

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने बुधवार को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के बयान पर कांग्रेस को घेरा और लोकतंत्र के नाम पर कांग्रेस आलाकमान द्वारा की गई कथित धोखाधड़ी को लेकर पार्टी की आलोचना की। शिअद ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के उस बयान पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अधिकतर पार्टी विधायकों के समर्थन के बावजूद मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। शिअद ने कहा कि इससे कांग्रेस की चुनावी धोखाधड़ी का पदार्फाश हो गया है।

यहां एक बयान में पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर न केवल अपने विधायकों बल्कि सभी नेताओं और अन्य वर्करों को धोखा दिया है। दरअसल हाल ही सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, एक सभा को संबोधित करते हुए पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने दावा किया है कि अमरिंदर सिंह के जाने के बाद नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए हुई बैठक में चरणजीत चन्नी को महज दो विधायकों का समर्थन मिला था, जबकि उनके पास सबसे ज्यादा वोट थे। जाखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री के चयन को लेकर हुई बैठक में 42 विधायकों ने उन्हें सीएम के रूप में वोट दिया था, जबकि नवजोत सिंह सिद्धू को महज छह वोट मिले थे। वहीं, परनीत कौर को 12, जबकि सुखजिंदर रंधावा के पक्ष में 16 विधायकों का समर्थन था।

इस पर निशाना साधते हुए शिअद नेता ने कहा, यह तब भी किया गया, जब चन्नी को विधायकों के एक आंतरिक मतदान के दौरान केवल दो वोट मिले, जो कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के रूप में बदलने का फैसला करने के लिए आयोजित किया गया था। चीमा ने कहा कि अब जाखड़ ने खुलासा कर दिया है कि उन्हें 42 विधायकों का समर्थन मिला है और सुखजिंदर रंधावा को 16 विधायकों, परनीत कौर को 12 और चन्नी को महज दो लोगों का समर्थन मिला है।

उन्होंने आगे कहा कि यह तो कांग्रेस पार्टी पर निर्भर करता था कि वह रिकॉर्ड के अनुसार चले। शिअद नेता ने कहा, कांग्रेस पार्टी को नेताओं और वर्करों को एक स्पष्टीकरण देना चाहिए कि आंतरिक पार्टी लोकतंत्र के सिद्धांत पर आगे क्यों नहीं बढ़ी। इससे यह भी पता चलता है कि कांग्रेस जिस आंतरिक पार्टी लोकतंत्र की बातें करती है, वह महज और इसे अभी भी गांधी परिवार द्वारा एक तानाशाही तरीके से ही चलाया जा रहा है।

(आईएएनएस)

Created On :   2 Feb 2022 9:00 PM IST

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