बयान: गुलाम नबी ने कहा- जो भी कांग्रेस का हित चाहता है वह उनके 'असहमति पत्र' का स्वागत करेगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस में बदलाव को लेकर मचा घमासान अब तक नहीं थमा है। सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं में से एक गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा कि जो भी कांग्रेस का हित चाहता है वह उनके "असहमति पत्र" का स्वागत करेगा। आजाद ने एक बार फिर कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी का नए सिरे से चुनाव होना चाहिए। आजाद ने कहा, राहुल गांधी को शुरुआत में पत्र को लेकर आपत्तियां थीं। बाद में सोनिया जी और राहुल जी ने कहा कि एक महीने के भीतर चुनाव होने थे लेकिन कोरोना के कारण यह संभव नहीं है। इसलिए हमने सोनिया जी से 6 महीनों के लिए अध्यक्ष बनने का अनुरोध किया।"
यदि पत्र लीक हो गया तो क्या हुआ?
पत्र लीक होने के मामले में आजाद ने कहा, "यदि पत्र लीक हो गया तो क्या हुआ? पार्टी को मजबूत बनाने और चुनाव कराने के लिए कहना, कोई स्टेट सीक्रेट नहीं है।" उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी जी के समय में भी कैबिनेट की कार्यवाही लीक हो जाती थी।" अनुशासनहीनता के सवाल को लेकर आजाद ने कहा कि जो लोग CWC के दौरान कमेंट्री कर रहे थे, क्या यह अनुशासनहीनता नहीं? जो लोग हमें पत्र लिखने के लिए गाली दे रहे थे, क्या वे अनुशासनहीन नहीं थे? क्या उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए? उन्होंने कहा कि हमने किसी को गाली नहीं दी।
23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी
बता दें कि पार्टी के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है। पिछले चुनावों में युवाओं ने डटकर नरेंद्र मोदी को वोट दिए। कांग्रेस में लीडरशिप फुल टाइम होनी चाहिए और उसका असर भी दिखना चाहिए। CWC बैठक के दौरान पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोनिया को भेजी गई नेताओं की चिट्ठी की टाइमिंग पर सवाल उठाए। राहुल ने कहा कि पार्टी नेताओं ने यह सब भाजपा की मिलीभगत से किया। राहुल के इस बयान का बैठक में गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया। हालांकि बाद में इसे लेकर सफाई दी गई और सिब्बल ने अपना ट्वीट और गुलाम नबी आजाद ने अपना बयान वापस ले लिया।
क्या कहा था कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने?
नाराज कपिल सिब्बल ने राहुल के बयान को लेकर ट्वीट कर कहा था "हमने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का केस कामयाबी के साथ लड़ा। बीते 30 साल में कभी भी, किसी भी मुद्दे पर भाजपा के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी हम भाजपा के साथ मिलीभगत में हैं?" कुछ देर बात सिब्बल ने ट्विटर से अपना परिचय बदल दिया और कांग्रेस शब्द को हटा दिया था। वहीं गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि अगर भाजपा से मिलीभगत होने के राहुल गांधी के आरोप साबित हुए तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।
Created On :   27 Aug 2020 11:16 PM IST