ओपीएस गुट ने अन्नाद्रमुक मुख्यालय का दौरा करने के लिए पुलिस सुरक्षा मांगी

OPS faction seeks police protection to visit AIADMK headquarters
ओपीएस गुट ने अन्नाद्रमुक मुख्यालय का दौरा करने के लिए पुलिस सुरक्षा मांगी
चेन्नई ओपीएस गुट ने अन्नाद्रमुक मुख्यालय का दौरा करने के लिए पुलिस सुरक्षा मांगी

डिजिटल डेस्क,चेन्नई। अन्नाद्रमुक के अंतरिम महासचिव के. पलानीस्वामी (ईपीएस) के पार्टी मुख्यालय का दौरा करने के बाद पार्टी के अपदस्थ समन्वयक ओ. पनीरसेल्वम (ओपीएस) और उनके करीबी नेताओं ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में प्रवेश करने के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की है। ओपीएस के एक करीबी सहयोगी जे.सी.डी. प्रभाकर ने पार्टी मुख्यालय में प्रवेश करने के लिए अपने नेता और करीबी सहयोगियों के लिए पुलिस सुरक्षा के लिए रोयापेट्टा पुलिस स्टेशन में याचिका लगाई है। अपनी याचिका में, प्रभाकर ने उल्लेख किया कि असामाजिक तत्व उनके पार्टी दफ्तर में आने के दौरान उपद्रव पैदा कर सकते हैं और हिंसा भड़का सकते हैं।

इससे पहले 11 जुलाई को चेन्नई के बाहरी इलाके वनगरम में आयोजित अन्नाद्रमुक की आम परिषद की बैठक के दौरान ओपीएस और ईपीएस के समर्थकों के बीच झड़प हुई थी जिसमें कई लोग घायल हो गए और अन्नाद्रमुक मुख्यालय में तोड़फोड़ की गई। ओपीएस और ईपीएस दोनों के खिलाफ हिंसा भड़काने की शिकायत की गई थी।

सामान्य परिषद की बैठक में, ओपीएस और उनके करीबी लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया जिसके बाद उन्होंने कार्यवाही को रद्द करने और यथास्थिति बनाए रखने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जब ओपीएस पार्टी के समन्वयक और ईपीएस, संयुक्त समन्वयक थे।

मद्रास हाई कोर्ट ने 11 जुलाई की सामान्य परिषद की कार्यवाही को रद्द कर दिया। फिर उसी अदालत की एक खंडपीठ ने पुनर्विचार याचिका में एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया और सामान्य परिषद की बैठक की कार्यवाही को बहाल करने की अनुमति दे दी। इसके कारण के. पलानीस्वामी पार्टी के अंतरिम महासचिव के रूप में बने रहे। मद्रास हाई कोर्ट के खंडपीठ के आदेश के खिलाफ ओपीएस ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

इस बीच गुरुवार (8 सितंबर) को पलानीस्वामी पार्टी मुख्यालय में आए और पन्नीरसेल्वम पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ओपीएस (पन्नीरसेल्वम) डीएमके के साथ हाथ मिला कर काम कर रहे थे और अन्नाद्रमुक को बांटने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। वो और उनके सहयोगी पार्टी में तोड़फोड़ करने की कोशिश कर रहे हैं और हमेशा अपने फायदे के हिसाब से रुख बदला है। अन्नाद्रमुक में वाकयुद्ध जारी रहने के साथ, सुप्रीम कोर्ट का फैसला वरिष्ठ नेताओं, पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम के भाग्य का फैसला करेगा।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   9 Sept 2022 4:30 PM IST

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