भाजपानीत गठबंधन सरकार की अहम सहयोगी एनपीपी ने बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने की छेड़ी मुहिम
- NPP का स्वप्न बीजेपी
- एनपीपी हमारे संग कांग्रेस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर में बीजेपी सरकार की समर्थित पार्टी एनपीपी ने अलग होने का फैसला कर लिया है। इससे मणिपुर की चुनावी राजनीति में एक रोचक मोड़ आ गया है। बीजेपी से अलग होती एनपीपी को कांग्रेस ने अपनी सैंद्धातिक सहयोगी करार दिया है। चुनावी मोड़ में आई नेशनल पीपुल्स पार्टी के मुखिया मेघालय के सीएम कोनराड संगमा प्रचार के लिए मणिपुर में ही जमे हुए है। एनपीपी नेता युम्नम जय कुमार सिंह समर्थित बीजेपी सरकार में डिप्टी सीएम बने। और अब उन्हें पार्टी की तरफ से संभावित सीएम फेस माना जा रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष कोनराड संगमा मणिपुर में एनपीपी को मजबूत करने में जुटे हैं।
एनपीपी का बीजेपी से अलग चुनाव लड़ने को लेकर भाजपा इसे एनपीपी के लिए एक स्वप्न मान रही है। बीजेपी का मानना है कि विकल्प के रूप में उभरने का जो सपना एनपीपी देख रही है, वह इलेक्शन के समय आता है और चुनाव के बाद टूट जाता है। भाजपा उपाध्यक्ष चिदानंद ने दावा किया है कि अबकी बार यहां से एनपीपी का नामोनिशान मिट जाएगा, वहीं कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हेमचंद्र ने एनपीपी को सैद्धांतिक रूप से अपना सहयोगी बता डाला। हेमोचंद्र ने कहा- राज्यसभा चुनावों में हमने मिलकर काम किया है। सैद्धांतिक रूप से एनपीपी हमारे संग है।
पिछली विधानसभा चुनावों में एनपीपी नौ सीटों पर चुनाव लड़ी थी, 2017 के विधानसभा चुनाव में एनपीपी ने चार सीटें जीतकर बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार बनाने में अहम किरदार निभाया। इस बार पार्टी ने 42 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। पार्टी मुखिया इस बार चौंकाने वाले नतीजे देकर अपनी अगुवाी वाली सरकार बनाने का दावा कर रही है। एनपीपी ने बीजेपी से अंसतुष्ट होकर आए 19 बीजेपी विधायकों को अपना प्रत्याशी बनाया है। आपको बता दें मणिपुर में विधानसभा की कुल 60 सीट है। जिन पर चुनाव होना है।
Created On :   9 Feb 2022 12:07 PM IST