राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को फिर से लाने का कोई प्रस्ताव नहीं: कानून मंत्री किरेन रिजिजू

No proposal to bring back National Judicial Appointments Commission: Law Minister Kiren Rijiju
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को फिर से लाने का कोई प्रस्ताव नहीं: कानून मंत्री किरेन रिजिजू
नई दिल्ली राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को फिर से लाने का कोई प्रस्ताव नहीं: कानून मंत्री किरेन रिजिजू

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के कानून मंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को फिर से लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को यह बात राज्यसभा में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में कही।

दरअसल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और भाकपा नेता जॉन ब्रिटास ने कानून मंत्री किरेन रिजिजू से संबंध में प्रश्न पूछे थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और भाकपा नेता ने पूछा था कि क्या सरकार उपयुक्त संशोधनों के साथ एनजेएसी को फिर से लाने का प्रस्ताव कर रही है। इसके जवाब में केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।

इसके आगे जजों की नियुक्ति और कॉलेजियम सिस्टम से जुड़े सवालों पर कानून मंत्री ने अपनी बात रखते हुए कहा कि संवैधानिक न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक सतत, एकीकृत और सहयोगात्मक प्रक्रिया है। इसके लिए राज्य और केंद्रीय दोनों स्तरों पर विभिन्न संवैधानिक प्राधिकरणों से परामर्श और अनुमोदन की आवश्यकता होती है।

केंद्रीय कानून मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि सरकार केवल उन्हीं व्यक्तियों को उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त करती है। जिनकी सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की जाती है। साथ ही उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर तक, कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए एक प्रस्ताव और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए आठ प्रस्ताव सरकार के पास लंबित हैं।

कानून मंत्री ने कहा कि कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के ट्रांसफर संबंधी के ग्यारह प्रस्ताव, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के ट्रांसफर और हाई कोर्ट एक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का एक एक प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने एक अदालती मामले की सुनवाई करते हुए कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित न्यायाधीशों के नामों को अधिसूचित करने में देरी पर अपनी राय व्यक्त कर चुका है। पिछले पांच वर्षों में, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सलाह पर सरकार द्वारा उच्च न्यायालयों को कुल 256 प्रस्ताव भेजे गए हैं।

केंद्रीय कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों के खाली पड़े पदों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा की सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के कुल 34 पद स्वीकृत हैं। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के 7 पद रिक्त हैं और 27 न्यायाधीश कार्यरत हैं। वहीं देश की अलग-अलग हाई कोर्ट में न्यायाधीशों के 1,108 पद स्वीकृत है। इनमें से 330 पद रिक्त है औ 778 न्यायाधीश कार्यरत हैं।

 

 (आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   8 Dec 2022 8:31 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story