राष्ट्रपति के संबोधन में चीन, पाक का जिक्र नहीं

No mention of China, Pakistan in Presidents address
राष्ट्रपति के संबोधन में चीन, पाक का जिक्र नहीं
कांग्रेस राष्ट्रपति के संबोधन में चीन, पाक का जिक्र नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चिंता जताई और कहा कि राष्ट्रपति ने चीन और पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया, जिन दो मोचरें पर भारत लगातार जूझ रहा है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ने नागालैंड में हुई हत्याओं का भी कोई जिक्र नहीं किया है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने कोविड की मौतों पर माफी नहीं मांगी है और सवाल किया है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का कोई उल्लेख क्यों नहीं है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, चीन/पाक/दो मोर्चे की स्थिति पर एक शब्द नहीं। नागालैंड में नागरिकों के नरसंहार पर कोई खेद नहीं है। जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की कोई घोषणा नहीं। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, भारत पर इसके आतंकी प्रभाव अस्पष्ट हैं। दूसरी लहर में हुई मौतों पर कोई माफी नहीं।

कांग्रेस इस बात से खफा है कि सरकार चीन के साथ एलएसी पर चुनौती का सामना कर रही है और खबरें हैं कि चीन अरुणाचल सीमा पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। पार्टी चाहती थी कि राष्ट्रपति उस मोर्चे पर सरकार के प्रयासों की रूपरेखा सामने रखें। हालांकि राष्ट्रपति ने दुनिया में सरकार की राजनयिक पहुंच का उल्लेख किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि भारत ने राजनयिक संबंधों में सुधार के माध्यम से तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक वातावरण में अपनी स्थिति मजबूत की है।

बजट सत्र की शुरूआत में संसद के दो सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, भारत ने राजनयिक संबंधों में सुधार के माध्यम से तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक वातावरण में अपनी स्थिति मजबूत की है। भारत ने अगस्त 2021 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। राष्ट्रपति कोविंद ने उल्लेख किया कि भारत की अध्यक्षता में सुरक्षा परिषद ने समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर व्यापक बहस की।

उन्होंने कहा, भारत की अध्यक्षता में, पहली बार, सुरक्षा परिषद ने समुद्री सुरक्षा के मुद्दे पर एक व्यापक बहस की। पड़ोस में मौजूदा स्थिति के बारे में बात करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा, हमने अपने पड़ोसी देश अफगानिस्तान में अस्थिरता देखी है। मौजूदा स्थिति के बावजूद, मानवता की भावना के अनुरूप, भारत ने ऑपरेशन देवी शक्ति शुरू की। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद, हमने काबुल से अपने कई नागरिकों और कई अफगान हिंदू और सिख अल्पसंख्यकों को सफलतापूर्वक एयरलिफ्ट किया। हम कठिन परिस्थितियों के बीच पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के दो स्वरूपों को भी सुरक्षित वापस लाए।

चुराई गई कलाकृतियों को वापस लाने के सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, सरकार की यह भी प्राथमिकता रही है कि भारत की अमूल्य विरासत को देश में वापस लाया जाए। मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति, जो भारत से चुराई गई थी। सौ साल पहले, वापस लाकर काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित किया गया है। ऐसे कई ऐतिहासिक कलाकृतियों को विभिन्न देशों से भारत वापस लाया जा रहा है।

(आईएएनएस)

Created On :   31 Jan 2022 4:30 PM IST

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