नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

Nawab Malik challenges Bombay High Court order in Supreme Court
नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

डिजिटलड डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और राकांपा के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में उनकी अंतरिम जमानत खारिज कर दी थी। मलिक ने दावा किया है कि उनकी गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध है। 15 मार्च को, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मलिक के अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में तत्काल रिहाई की मांग की गई थी। मलिक 4 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें 23 फरवरी को आतंकवादी दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।

उच्च न्यायालय ने ईडी की ओर से मलिक की गिरफ्तारी पर उन्हें कोई राहत प्रदान नहीं की थी और उन्हें हिरासत में भेज दिया गया था। अदालत ने कहा था कि उनकी रिहाई के लिए कोई अंतरिम आदेश पारित करने का कोई कारण नजर नहीं आता है। उच्च न्यायालय ने मलिक को राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि सिर्फ इसलिए कि विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत का उन्हें हिरासत में भेजने का आदेश उनके पक्ष में नहीं है, यह इसे अवैध या गलत नहीं बनाता है।

मलिक ने दावा किया है कि उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें अंतरिम रिहाई देने से इनकार करना अर्नब गोस्वामी बनाम महाराष्ट्र सरकार के मामले में तय स्थिति का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि उनकी याचिका सख्ती से कानून पर आधारित है और उच्च न्यायालय बिना कारण बताए पीएमएलए की धारा 3 के संबंध में प्रथम ²ष्टया निष्कर्ष नहीं दे सकता है।

ईडी ने आरोप लगाया है कि कुर्ला में मुनीरा प्लंबर की मौजूदा बाजार मूल्य के अनुसार 300 करोड़ रुपये की प्रमुख संपत्ति मलिक ने सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से हड़प ली, जो उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली कंपनी है। ईडी ने दावा किया है कि दाऊद की बहन हसीना पारकर, उसके अंगरक्षक सलीम पटेल और 1993 बम धमाकों के दोषी सरदार शाह वली खान की मिलीभगत से ऐसा किया गया।

शीर्ष अदालत में अपनी याचिका में, मलिक ने दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है और उनके मौलिक अधिकारों के साथ-साथ वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है और साथ ही वह बंदी प्रत्यक्षीकरण के रिट के हकदार हैं। वहीं, ईडी ने नवाब मलिक पर आरोप लगाया था कि वे दाऊद इब्राहिम के साथ टेरर फंडिंग में शामिल थे, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

(आईएएनएस)

Created On :   2 April 2022 8:00 PM IST

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