ब्राह्मणों को साधने मायावती ने चली बड़ी चाल, बीजेपी उस पर भी भारी पड़ गई।
- मायावती डाल-डाल
- बीजेपी पात-पात
डिजिटल डेस्क,लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां जमीन पर दम दिखाना शुरू कर दी हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती की सक्रियता सपा और बीजेपी के लिए सिरदर्द सा बन गया है। मायावती ने यूपी ब्राह्मण सम्मेलन की शुरूआत करके ब्राह्मणों को साधने का काम शुरू ही किया था कि सभी राजनीतिक दलों में खलबली मच गई।
अब सवाल उठता है ये कि ब्राह्मणों की विधानसभा चुनाव से पहले याद क्यों आई मायावती को? तो उसका मुख्य कारण यही है कि यूपी में 13 फीसदी ब्राह्मण है और दलित वर्ग 20.5 फीसदी है। अगर ब्राह्मण वर्ग मायावती की तरफ आ जाए तो मायावती का मानना है कि बीएसपी को सत्ता में वापसी से कोई नहीं रोक सकता है, क्योंकि दलित वर्ग का वोट मायावती को हमेशा मिलता आया है।
इसी को मद्देनजर रखते हुए मायावती प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की कमान पार्टी के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र को सौंपी थी। जिन्होंने बखूबी जिम्मेदारी निभाया और प्रदेश भर में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया। बता दें कि प्रबुद्ध वर्ग कार्यक्रम में सतीश चंद्र मिश्रा कई बार आक्रामक भी दिखे, उन्होंने बीजेपी सरकार में ब्राह्मण के उत्पीड़न होने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि योगी सरकार में ब्राह्मणों का फर्जी एनकाउंटर हुआ है। बता दें कि सतीश चंद्र मिश्रा ने ब्राह्मणों को लुभाने के लिए बिकरू कांड में मारे गए विकास दूबे के दोस्त की पत्नी खुशी दूबे का मुकदमा लड़ने का एलान भी कर दिया था।
सतीश मिश्रा की सक्रियता देखकर बीजेपी को लगा की अब तो बीएसपी सारा खेल बिगाड़ देगी। फिर बीजेपी ने बड़ा दांव चला और बीते रविवार को योगी कैबिनट का विस्तार किया। जिसमें 1 कैबिनेट मंत्री और 6 राज्यमंत्री को जातीए समीकरण साध कर बनाया। जिनमें जितिन प्रसाद को बतौर ब्राह्मण चेहरा कैबिनेट मंत्री बनाया गया। अब सवाल ये उठता है कि जब बीजेपी में पहले से ही डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक जैसे कद्दावर ब्राहृण चेहरे थे फिर बीजेपी ने ब्राहृण को कैबिनेट मंत्री क्यों बनाया? उसका जवाब यही होगा कि मायावती ने जो ब्राह्मणों को साधने का अभियान छेड़ा, बीजेपी उससे काफी ज्यादा सहम गई।
Created On :   28 Sept 2021 12:51 AM IST