मायावती ने चुनाव से पहले ही अपनी हार को स्वीकार कर लिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाजपा और सपा के बीच आपसी सांठगांठ होने के मायावती के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री एस पी सिंह बघेल ने कहा है कि ऐसा बयान देकर मायावती ने चुनाव से पहले ही अपनी हार को स्वीकार कर लिया है। आईएएनएस से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री एस पी सिंह बघेल ने कहा कि भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच छत्तीस का आंकड़ा है और सपा के साथ हमारे सांठगांठ को लेकर कोई कल्पना भी नहीं की जा सकती है। भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है और हम चुनाव में कभी नूरा-कुश्ती नहीं करते हैं।
मायावती के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री और उत्तर प्रदेश के आगरा से लोक सभा सांसद एस पी सिंह बघेल ने आईएएनएस से कहा कि ऐसा आरोप लगाने वाली मायावती ने गेस्ट हाउस कांड को भुलाकर स्वयं अपना अस्तित्व बचाने के लिए 2019 के लोक सभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन किया था। बघेल ने कहा कि भाजपा लगातार 2014 और 2019 में लोक सभा चुनाव जीती और 2017 में सपा को ही चुनाव में हरा कर भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाई। उन्होंने कहा कि मायावती ने ऐसा बयान देकर यह स्वीकार कर लिया कि वो चुनाव हार रही हैं और दौड़ से बाहर हैं।
मायावती के जातिवादी और साम्प्रदायिक राजनीति करने के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मायावती को अपने इतिहास को याद करना चाहिए, क्योंकि जाति की राजनीति से ही उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी। दरअसल, बसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी सपा पर आपसी सांठगांठ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों ही पार्टियां अंदरूनी मिलीभगत करके जिन्ना और अयोध्या गोलीबारी जैसे मुद्दे को उठा रही हैं ताकि विधान सभा चुनाव हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे पर ही केंद्रित हो जाए।
(आईएएनएस)
Created On :   9 Nov 2021 7:30 PM IST