दीक्षांत समारोह में संबोधन: IIT गुवाहाटी से पीएम मोदी की अपील- प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए बनाएं आपदा प्रबंधन सेंटर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati) के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, उनके डिप्टी संजय धोत्रे सहित कई लोग इस समारोह में शामिल हुए। इस समारोह में 687 बीटेक और 637 एमटेक छात्रों सहित 1,803 छात्रों को डिग्री दी गई। पीएम मोदी ने IIT गुवाहाटी से अपील की कि, आप अपने यहां एक सेंटर बनाएं जो प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का काम करे। स्थानीय रिसर्च के साथ-साथ ग्लोबल टेक्नोलॉजी का भी ध्यान रखना जरूरी है।
Addressing the convocation of @IITGuwahati. Watch. https://t.co/3pxngGM1Ep
— Narendra Modi (@narendramodi) September 22, 2020
समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज इस कॉन्वोकेशन के बाद कई छात्र यहां रहेंगे और कई यहां से चले जाएंगे। आज के इस विशेष दिन में आपसे आग्रह करूंगा कि, आपकी लाइफ में इस क्षेत्र का योगदान भी है।इस क्षेत्र की चुनौतियां और संभावना से आपकी रिसर्च कैसे जुड़ सकती है, ये आपको सोचना है। मैं IIT गुवाहाटी से ये भी अनुरोध करूंगा कि आप एक सेंटर फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट एंड रिस्क रिडक्शन की स्थापना भी करें। ये सेंटर इस इलाके की आपदाओं से निपटने की एक्सपर्टीज भी प्रोवाइड कराएगा और आपदाओं को अवसर में भी बदलेगा।
The states of Northeast invest a lot of energy and efforts in fighting off disasters such as floods and earthquakes.
— BJP (@BJP4India) September 22, 2020
I request IIT Guwahati to start a Centre for Disaster Management and Risk Reduction.
This centre will provide expertise to combat these calamities. pic.twitter.com/zgSsXxsXfZ
पीएम ने कहा, मेरा स्पष्ट मानना है कि देश का भविष्य युवा क्या सोचते हैं इस पर निर्भर करता है। आपके सपने कल के भारत की हकीकत को आधार देंगे। इसलिए ये समय भविष्य के लिए तैयार होने का है, ये टाइम अभी से फ्युचर फिट होने का है। देश में रिसर्च कल्चर को स्मृद्ध करने के लिए NEP (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) में एक नेशनल रिसर्च फाउंडेशन का भी प्रस्ताव लाया गया है। NRF रिसर्च फंडिंग को लेकर सभी फंडिंग एजेंसियों के साथ कोऑर्डिनेट करेगा और सभी विधाएं चाहे वो साइंस हो या ह्यूमैनिटीज सभी के लिए फंड प्रोवाइड करेगा।
पीएम ने कहा, मुझे खुशी है कि आज इस कन्वोकेशन में हमारे करीब 300 युवा साथियों को PhD अवॉर्ड की जा रही है और ये एक बहुत ही पॉजिटिव ट्रेंड है। मुझे विश्वास है कि आप सब यहीं नहीं रुकेंगे, बल्कि रिसर्च आपकी एक आदत बन जाएगी, आपकी सोचने की प्रक्रिया का एक हिस्सा बनी रहेगी। जैसे-जैसे आज अर्थव्यवस्था और समाज में आधुनिकता आ रही है, इंडियन साइंस एंड टेक्नोलॉजी लैंडस्केप को भी जरूरी बदलाव करने की जरूरत है। आईआईटी गुवाहटी ने ये प्रयास पहले से शुरु कर दिए हैं। पहला ऐसा संस्थान है जिसने ई-मोबिलिटी पर दो साल का रिसर्च प्रोग्राम शुरु किया है।
पीएम मोदी ने कहा, पूर्वोत्तर का ये क्षेत्र, भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्र भी है। यही क्षेत्र साउथ ईस्ट एशिया से भारत के संबंध का गेटवे भी है। इन देशों से संबंधों का मुख्य आधार, कल्चर, कॉमर्स, कनेक्टिविटी और कैप्सिटी रहा है। अब शिक्षा एक और नया माध्यम बनने जा रही है।
Created On :   22 Sept 2020 8:48 AM IST