लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, अदालत ने सीबीआई के दायर याचिका को किया खारिज

Lalu Yadav got big relief from the Supreme Court, the court rejected the petition filed by CBI
लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, अदालत ने सीबीआई के दायर याचिका को किया खारिज
बिहार सियासत लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, अदालत ने सीबीआई के दायर याचिका को किया खारिज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चारा घोटाले मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर मुश्किलों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। हाल ही में सीबीआई ने लालू यादव को मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की थी। जिसमे सीबीआई का कहना था कि लालू यादव का जमानत रद्द किया जाना चाहिए। लेकिन कोर्ट ने चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार मामले में सीबीआई के दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि इस तरह का मामला पहले ही कोर्ट में लंबित है। बता दें कि, झारखंड हाई कोर्ट ने लालू यादव को जमानत दी थी। 

झारखंड हाई कोर्ट ने दुमका और चाईबासा कोषागार मामले में लालू यादव को जमानत दी थी। लंबे समय तक जेल रहे 74 वर्षीय लालू यादव ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत हासिल की थी। इसके बाद उनका दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज चला। लेकिन उनकी तबीयत में किसी भी तरह का सुधार देखने को नहीं मिला। जिसके बाद लालू यादव का सिंगापुर में किड़नी ट्रांसप्लांट करवाया गया था। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें किडनी दी थी। 

लालू परिवार की मुश्किलें

लालू परिवार की मुश्किलें यहीं समाप्त नहीं होने वाली हैं। लालू परिवार को इस समय एक और मुसीबत से दो-चार होना पड़ रहा है। हाल ही में सीबीआई उनके परिवार पर जमीन के बदले नौकरी मामले में पूछताछ की है। सीबीआई ने  इस मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती से भी पूछताछ की हैं। ईडी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तौर जांच कर रही है। स्पेशल कोर्ट ने 15 मार्च को लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को जमानत दी थी। बीते दिनों लालू यादव के आवास पर छापेमारी की गई थी। 

गौरतलब है कि, ईडी ने लालू यादव पर 600 करोड़ रुपये के हेरफेर करना का आरोप लगाया था। छापेमारी के दौरान उनके घर से 1 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। आरोप है कि जब लालू यादव केंद्र में रेल मंत्री थे, तब उन्होंने नौकरी दिलवाने के बदले संपत्ति ली थी। साथ ही उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने 2004-2009 के दौरान ग्रुप डी में गलत तरीके से लोगों को भर्ती करवाया था। 

Created On :   27 March 2023 10:20 PM IST

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