कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने देश में वैस्कुलर सर्जनों की कमी पर अफसोस जताया
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने शनिवार को वैस्कुलर सर्जनों की कमी पर चिंता व्यक्त की, क्योंकि देश में वैस्कुलर रोगों (नसों का रोग) में वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने कहा, 1.3 अरब की आबादी के लिए हमारे पास केवल 500 वैस्कुलर विशेषज्ञ हैं। वैस्कुलर स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सर्वोपरि है। उन्होंने विश्व वैस्कुलर दिवस को चिह्नित करने के लिए वैस्कुलर सर्जन एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक वॉकथॉन को हरी झंडी दिखाते हुए अवलोकन किया।
इवेंट वॉकथॉन का आयोजन बेंगलुरु के टाउन हॉल से कांतीरवा स्टेडियम तक किया गया था। कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री सुधाकर ने कहा, हमें अपने नसों की सुरक्षा के लिए एक सख्त स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ये बदले में जीवन के लिए खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है।
यह बताते हुए कि कुछ लोग वैस्कुलर रोगों से ग्रस्त हैं, उन्होंने कहा, हर 6 सेकंड में दुनिया में एक व्यक्ति अपना पैर खो देता है। हमें युवाओं और उन पेशेवरों के बीच जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, जो अपने व्यवसायों के कारण इस तरह के रोगों से ग्रस्त हैं। जैसे पुलिसकर्मी, शिक्षक आदि जो लंबे समय तक खड़े रहते हैं। उन पेशेवरों के बीच भी जागरूकता पैदा की जानी चाहिए, जिन्हें लंबे समय तक कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करना पड़ता है, जिनकी गतिहीन जीवनशैली होती है। उन्होंने कहा कि कई दुनिया में विशेषज्ञ, अस्पताल आगे आए हैं, संगठित हुए और कार्यक्रम में भाग लिया है, जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार वैस्कुलर रोगों को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगी।
(आईएएनएस)
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Created On :   6 Aug 2022 12:00 PM GMT