कर्नाटक सरकार ने कोरोना से मरने वाले किसानों के परिवारों के लिए ऋण माफी पर नहीं लिया कोई फैसला
- राज्य में अब तक 10
- 437 किसानों की मौत
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने कोरोना के कारण पहली और दूसरी लहर में मारे गए किसानों के परिवारों का कर्ज माफ करने की मांग पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। विपक्ष और किसान संगठन परिवारों की कर्जमाफी की मांग कर रहे हैं।
सहकारिता विभाग के अनुसार, राज्य में अब तक 10,437 किसानों की मौत हो चुकी है। कर्नाटक में मृतक किसानों ने 92 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। केंद्र और राज्य सरकारें मानवीय आधार पर मुआवजा मुहैया करा रही हैं। राज्य सरकार 1 लाख रुपये और केंद्र कोरोना पीड़ितों के परिवारों को 50,000 रुपये दे रही है।
राज्य सरकार के अनुसार, उसने जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों में मृत किसानों के ऋण की अवधि बढ़ा दी है। सहकारिता मंत्री एस टी सोमशेखर ने कहा कि सरकार ऐसे सभी मामलों में ब्याज सब्सिडी दे रही है। बीजेपी एमएलसी पी.एम. मुनिराजू गौड़ा ने मंगलवार को विधान परिषद में इस मुद्दे को उठाया और मांग की कि सरकार कोरोना के शिकार किसानों का कर्ज माफ करे। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना पीड़ितों के परिवार दयनीय स्थिति में हैं और उन्हें ऋण माफी की तत्काल आवश्यकता है।
मुनीराजू गौड़ा ने कहा कि इन सभी परिवारों ने अपने कमाने वाले सदस्यों को खो दिया है और जीवित परिवार को सहकारी बैंकों द्वारा काली सूची में डाले जाने का डर है। किसान संगठनों ने सरकार से अपील की है कि मृतक किसानों के परिवार निजी साहूकारों और वित्त कंपनियों के जाल में फंसेंगे, जो अत्यधिक ब्याज दर वसूलते हैं और उनमें से कई अपनी जमीनों को खत्म कर देंगे, जो उनके अस्तित्व का एकमात्र स्रोत है।
(आईएएनएस)
Created On :   9 March 2022 5:00 AM GMT