सामना में लिखे लेख से महाअघाड़ी गठबंधन सरकार में दरार के संकेत
- बाबर की भक्ति में जलने लगी कांग्रेस
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र की महाअघाड़ी गठबंधन सरकार में दरार के संकेत मिल रहे हैं। सामना के संपादकीय के जरिए कांग्रेस पर निशाना साधा है। सामना में लिखे संपादकीय लेख में कांग्रेस की हालत एक जर्जर महल की तरह बताई है। इतना ही नहीं सामना में दावा किया गया है कि मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र के मुसलमान सिर्फ शिवसेना को वोट देते हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी में दरार के संकेत मिल रहे हैं। सामना में लिखा है कि कांग्रेस को सिर्फ मुसलमान और ईसाइयों की ही चिंता है। अल्पसंख्यक ही कांग्रेस की नीति है, ऐसी सोच कांग्रेस के लोगों में आज भी मजबूती से बैठी हुई है। इसे दूर करना होगा।
शाहबानो प्रकरण में कांग्रेस ने पीड़ित मुसलमान महिला के अधिकार को खारिज कर दिया और शरीयत में कोर्ट में हस्तक्षेप किया, ऐसा मानकर संविधान संशोधन किया। यह कुछ लोगों को नहीं जंचा, लेकिन बीजेपी की मोदी सरकार ने बेखौफ होकर तीन तलाक विरोधी कानून बना कर पीड़ित मुसलमान महिलाओं को राहत दी। इस सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता है कि राम की तुलना में बाबर की भक्ति में कांग्रेस जलने लगी और लोगों में उसके प्रति असंतोष बढ़ा।
शिवसेना के साथ मुसलमान
संपादकीय में लिखा है कि कांग्रेस की वर्तमान अवस्था गांव में जमींदारी गंवा चुके जर्जर महल की तरह हो रही है।शरद पवार के विश्लेषण के अनुसार मुस्लिम और दलित मतों की भरपूर जमा-पूंजी जमींदारी का फल था। इन्हीं मुस्लिम-दलितों की वोटों की नकदी के कारण कांग्रेस का महल मजबूत और आलीशान लगता था। आज ये दोनों कांग्रेस की मुट्ठी से निकल गए और कई बड़े राज्यों में कांग्रेस का पतन हुआ है।
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में प्रियंका गांधी ने एक नया दांव खेला है, लेकिन यूपी में मुसलमान व दलित मायावती अखिलेश यादव का साथ देते हैं तो सवर्ण बीजेपी के हिंदुत्ववाद की थाली बजाते हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि किसी समय देश में मुसलमान, दलित वोट बैंक की राजनीति होती थी। आज हिंदू वोट बैंक की राजनीति सक्सेस हो रही है। बीजेपी उसी हिंदू वोट बैंक के दम पर जश्न मना रही है।
Created On :   14 Dec 2021 11:04 AM IST