तमिलनाडु में भारी बारिश : जलाशय भरे, राहत शिविर खुले

Heavy rains in Tamil Nadu: Reservoirs filled, relief camps open
तमिलनाडु में भारी बारिश : जलाशय भरे, राहत शिविर खुले
मौसम की मार तमिलनाडु में भारी बारिश : जलाशय भरे, राहत शिविर खुले
हाईलाइट
  • तमिलनाडु में भारी बारिश : जलाशय भरे
  • राहत शिविर खुले

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के कई हिस्सों में भारी बारिश और दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के चरम पर होने से सारे जलाशय भर गए हैं।

राज्य के जल संसाधन विभाग ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि, राज्य में 90 जलाशयों का संयुक्त जल भंडारण स्तर उनकी कुल क्षमता का 86.74 प्रतिशत है।

मेट्टूर, वीरनाम और गुंडर सहित राज्य के दस जलाशयों ने अपनी पूरी क्षमता हासिल कर ली है और पानी छोड़ा जा रहा है। जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा और कावेरी से भारी प्रवाह के कारण ये जलाशय दक्षिण-पश्चिम मानसून के के खत्म होने से काफी पहले भर गए हैं।

राज्य में जहां दस जलाशय भरे हुए हैं, वहीं अन्य में 70 से 90 फीसदी तक पानी भरा हुआ है। राज्य के जल संसाधन विभाग ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि, राज्य के जलाशयों में 224.297 टीएमसी फीट (हजार मिलियन क्यूबिक फीट) की कुल क्षमता में से 194.55 टीएमसी फीट पानी था।

कर्नाटक के साथ अंतर-राज्यीय जल समझौते के अनुसार, राज्य को जून और जुलाई में 40.43 टीएमसी फीट पानी मिलना था, लेकिन तमिलनाडु को 138.14 टीएमसी फीट पानी मिला जो तीन गुना अधिक है। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह कर्नाटक में भारी और प्रचुर बारिश के कारण संभव हुआ है।

तमिलनाडु के जलाशयों के लगभग भरे होने के कारण, पानी को अंतत: समुद्र में छोड़ना पड़ता है, लेकिन जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि, दक्षिण-पश्चिम मानसून के बाद राज्य की सिंचाई और पीने के पानी की जरूरतों को इस साल ठीक से पूरा कर लिया जाएगा।

एक अन्य घटनाक्रम में, कावेरी से भारी प्रवाह के बाद मेट्टूर जलाशय खोले जाने के बाद, इरोड और सलेम में कई घरों में पानी घुस गया। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को इरोड में खोले गए राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को भी बुलाया गया। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 12 जिला कलेक्टरों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की और अधिकारियों को स्थिति को संभालने और घटनाक्रम पर नजर रखने का निर्देश दिया।

नमक्कल जिले के कुमारपालयम में, भारी बारिश ने निवासियों को अपने घरों से बाहर निकाल दिया, और एडप्पाडी, सेलम जिले में लगभग 1000 एकड़ कृषि क्षेत्र जलमग्न हो गया।

सलेम के जिला कलेक्टर एस. कमेर्गाम ने कहा कि, कावेरी नदी में नहाने और मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, साथ ही नदी के पास सेल्फी लेने पर भी रोक लगा दी गई है।

तिरुचि, करूर और तंजावुर जिला प्रशासन ने कोलिडम नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया है। तिरुचि शहर के पास उथमरसीली में करीब 200 एकड़ केले के बागान जलमग्न हो गए।

कोयंबटूर अलियार, अमरावती, थिरुमूर्ति और भवानीसागर के सभी जलाशय अपने पूर्ण स्तर पर पहुंच गए हैं और पानी का बहाव बढ़ गया है।

थेनी और डिंडीगुल जिलों में कई हिस्सों में भारी बारिश हुई और शिक्षण संस्थानों में अवकाश दिया गया है।

 

आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   5 Aug 2022 1:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story