राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सलाहकारों की भर्ती प्रक्रिया का विवरण मांगा
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक नया मोर्चा खोलते हुए मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी से कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा प्रकाशित वरिष्ठ सलाहकारों व परामर्शदाताओं की भर्ती के लिए अपनाई जाने वाली प्रणाली, तौर-तरीकों और सटीक चयन प्रक्रिया के बारे में विवरण मांगा है। धनखड़ 26 नवंबर की एक अधिसूचना का जिक्र कर रहे थे, जिसमें राज्य सरकार ने अनुबंध के आधार पर विभिन्न विभागों में 50 सलाहकारों/वरिष्ठ सलाहकारों की भर्ती करने का निर्णय लिया था।
अधिसूचना के अनुसार, उम्मीदवारों को यदि आवश्यक हो, केवल उम्मीदवारों द्वारा उनके आवेदनों में प्रदान की गई जानकारी के आधार पर व्यक्तित्व परीक्षण के लिए शॉर्ट-लिस्ट किया जाएगा। किए गए दावे के समर्थन में प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच तभी की जाएगी, जब उम्मीदवार आवेदन में दावा की गई योग्यता और अनुभव के बारे में जानकारी के आधार पर शॉर्टलिस्ट किए जाने के लिए प्रथम दृष्टया पात्र है। दिवेदी को लिखे अपने पत्र में धनखड़ ने कहा, इन सलाहकारों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता, जवाबदेही और तौर-तरीकों की कमी के संबंध में इस मामले को लेकर कई तिमाहियों से गंभीर मुद्दे उठाए गए हैं। पहले से ही कुछ श्रेणियों में भर्ती न्यायिक जांच के दायरे में है।
अधिसूचनाओं में उल्लिखित तंत्र अपारदर्शी है और न्यायिक घोषणाओं की अवहेलना की गई है। आशंका है कि इस तरह के तंत्र द्वारा प्रशासन को संरक्षित नियुक्तियों द्वारा पैक किया जाना है। कुछ खतरनाक रूप से परेशान करने वाले इनपुट हैं, जिन्हें अभी इंगित करने की आवश्यकता नहीं है। राज्यपाल ने अधिसूचना के एक विशेष भाग का उल्लेख किया जिसमें कहा गया था, यह भी ध्यान दिया जा सकता है कि यदि उम्मीदवारों की संख्या अधिक है, तो राज्य सरकार, साक्षात्कार के उद्देश्य से, योग्यता के आधार पर उम्मीदवारों को शॉर्ट लिस्ट कर सकती है। यह प्रकिया विशेषज्ञता के क्षेत्र और उम्मीदवार के अनुभव सहित कर्तव्यों की प्रकृति, प्रदर्शन का प्रकार, जीते गए पुरस्कार और ऐसे अन्य मानदंड जो विशेष असाइनमेंट की आवश्यकता के संदर्भ में उपयुक्त हो सकती है। इसमें प्राधिकरण का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होगा।
इस भाग का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने लिखा, इस तंत्र की व्याख्या पारदर्शिता और निष्पक्षता के दृष्टिकोण से वांछित होने के लिए छोड़ दी गई है। घोषित चयन तंत्र पूर्व दृष्टया व्यक्तिपरक, स्केची और मनमाना है और निष्पक्ष, न्यायसंगत प्रतीत नहीं होता है। सार्वजनिक डोमेन में इससे संबंधित विशिष्ट विवरणों का अभाव है। इस तंत्र में पक्षपात और संरक्षण देने के सभी जाल हैं। राज्यपाल ने कहा, ऐसे परिसरों में, मुख्य सचिव को इस भर्ती के लिए तंत्र, तौर-तरीकों और सटीक चयन प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी यह पत्र मिलने के एक सप्ताह के भीतर देनी है।
(आईएएनएस)
Created On :   28 Dec 2021 9:00 PM IST