सूबे में स्थायी शांति के लिए सभी उग्रवादी संगठनों से बात करेगी सरकार- अमित शाह
- मणिपुर सरकार के प्रदर्शन पर प्रकाश
डिजिटल डेस्क, इंफाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि सरकार मणिपुर में सभी चरमपंथी संगठनों से बात करेगी और उग्रवादी समूहों के सभी कैडरों को मुख्यधारा में लाकर राज्य में उग्रवाद संबंधी समस्याओं का समाधान करेगी। थौबल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि अब तक असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न संगठनों से जुड़े 9,500 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है और वे मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।
शाह ने कहा, किसी भी मणिपुरी युवक पर अब गोली नहीं चलेगी, कोई युवा जेल नहीं जाएगा। चरमपंथी संगठनों के सभी कार्यकर्ता मुख्यधारा में आएंगे और वे मणिपुर और देश के विकास के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि तस्करी और अवैध व्यापार पर अंकुश लगाकर मणिपुर को नशा मुक्त राज्य बनाया जाएगा। लोगों से विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने का आग्रह करते हुए शाह ने कहा, बीजेपी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में मणिपुर में बहुत काम किया है। हमें पांच साल और दें। मैं यहां आपको यह बताने आया हूं कि हम राज्य में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए सभी उग्रवादी समूहों के साथ बातचीत करेंगे।
उन्होंने मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखने की भी घोषणा की। राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को सुरक्षित करने का उनका वादा महत्व रखता है, क्योंकि नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम (एनएससीएन-आईएम) का इसाक-मुइवा गुट पड़ोसी राज्यों-मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश के नागा बहुल क्षेत्रों के एकीकरण की मांग कर रहा है। इस मांग का पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों ने कड़ा विरोध किया है। भाजपा के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार के प्रदर्शन पर प्रकाश डालते हुए, शाह ने कहा कि जब उनकी पार्टी पहली बार 2017 में राज्य में सत्ता में आई थी, तब कोई महिला पुलिस थाना नहीं था, अब सभी जिलों में महिला पुलिस स्टेशन हैं। मणिपुर में पहले कोई रेलवे लाइन नहीं थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 12,000 करोड़ रुपये खर्च करके राज्य में 111 किमी रेलवे लाइन का विस्तार किया है।
उन्होंने कहा, पहले कोई राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं था, लेकिन अब मणिपुर में कई राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। राज्य में प्रमुख राजमार्ग बनाने के लिए 16,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह (कांग्रेस) ने कई बार गांधी परिवार के दरवाजे खटखटाए, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने इनर लाइन परमिट पेश किया, जिसके बाद अब मणिपुर के मौजूदा मुख्यमंत्री को दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को मणिपुर में दिल्ली से ही वर्चुअल रूप से चुनावी रैलियों को संबोधित किया। उन्होंने 22 फरवरी को राज्य का दौरा किया था और इंफाल में एक चुनावी रैली को संबोधित किया था, जबकि शाह पार्टी के प्रचार के लिए कई बार मणिपुर गए हैं। मणिपुर विधानसभा चुनाव का पहला चरण (60 में से 38 सीटों पर) सोमवार को हुआ था, जबकि दूसरे चरण का मतदान 5 मार्च को शेष 22 सीटों पर होगा। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी।
(आईएएनएस)
Created On :   1 March 2022 6:30 PM GMT