सरकार ने जोशीमठ में विस्थापन और पुनर्वास नीति समेत राहत पैकेज को दी मंजूरी
डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड का जोशीमठ दरार और भू-धंसाव से कराह रहा है। लिहाजा, सरकार भी जोशीमठ के हालात पर गंभीरता से काम कर रही है। कैबिनेट बैठक में जोशीमठ में विस्थापन और पुनर्वास नीति समेत राहत पैकेज को मंजूरी दी गई। इसके तहत जमीन, आवासीय और व्यावसायिक भवनों की मुआवजा दर तय की गई है।
उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में जोशीमठ आपदा प्रभावितों की भूमि और भवनों के मुआवजे के साथ स्थायी विस्थापन को लेकर प्रस्तावित नीति को स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम और आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ में विस्थापन और पुनर्वास नीति को लेकर जारी की गई मानकों पर स्थिति स्पष्ट की।
जोशीमठ में व्यावसायिक भवनों को लेकर 5 स्लैब बनाए गए हैं, उसी हिसाब से भूमि का मुआवजा दिया जाना है। इसके अलावा स्थायी पुनर्वास को लेकर तीन विकल्पों को रखा गया है। इसी कड़ी में आपदा प्रबंधन सचिव और मुख्यमंत्री सचिव ने जोशीमठ में विस्थापन और पुनर्वास नीति की जानकारी दी।
जोशीमठ प्रभावितों के लिए क्षतिपूर्ति दर तय की गई है। जिसके तहत आवासीय भवनों के नुकसान पर 100 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। ईंट से बने आवासीय भवन के लिए 31,031 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। जबकि, बीम और कॉलम के बने आवासीय भवनों के लिए 36,386 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से दिया जाएगा।
ईंट के बने व्यावसायिक भवनों के लिए 39,030 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा बीम और कॉलम से बने व्यावसायिक भवनों के लिए 45,921 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से भुगतान दिया जाएगा।
पांच लाख तक के व्यावसायिक भवन को 100 प्रतिशत भुगतान दिया जाएगा। जबकि, 5 से 15 लाख तक के व्यावसायिक भवन को 5 लाख रुपए तक पूरा भुगतान किया जाएगा। इससे ऊपर 40 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। वहीं, 15 से 30 लाख तक के व्यावसायिक भवनों के लिए 15 लाख तक 9 लाख रुपए दिया जाएगा, उससे ऊपर 30 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा।
वहीं, 30 से 50 लाख रूपए तक के व्यावसायिक भवन के लिए 30 लाख तक 30.5 लाख रुपए भुगतान किया जाएगा। इससे ऊपर 20 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। 50 लाख से ऊपर के व्यावसायिक भवन के लिए 50 लाख तक 17.5 लाख भुगतान किया जाएगा, इससे ऊपर 10 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा।
आवासीय जमीन की क्षति पर 75 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। इससे अधिक की भूमि के नुकसान पर भूमि का मुआवजा दिया जाएगा। व्यवसायिक जमीन की क्षति पर 15 वर्ग मीटर भूमि दी जाएगी। वहीं, किराए पर लेकर दुकान चला रहे प्रभावित को एकमुश्त 2 लाख रुपए दिए जाएंगे।
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में विस्थापन और पुनर्वास नीति के तहत सभी मानक तय कर दिए गए हैं। जिसमें जोशीमठ के लोगों को किस तरह से विस्थापित किया जाना है, इसका भी जिक्र किया गया है। हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद शुरू हो पाएगी।
(आईएएनएस)
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Created On :   17 Feb 2023 1:00 PM IST