लगातार दूसरे साल गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होगा कोई विदेशी मेहमान
- 2018 में आसियान देशों के राष्ट्र प्रमुखों ने बढ़ाई थी शोभा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के राजपथ पर गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड में इस साल भी कोई मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होगा। गणतंत्र दिवस पर हर बार किसी न किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया किया जाता है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन पिछले साल की तरह ही इस बार भी ऐसा नहीं हो सकेगा।
बता दें कि सरकार ने इस बार 5 देशों उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य और ताजिकिस्तान के नेताओं को गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करने की योजना बनाई थी। भारत के साथ-साथ संबंधित देशों में कोविड की स्थिति के कारण इसे रद्द कर दिया गया है। हालांकि विदेश मंत्रालय ने अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
अगर मेहमान आते हैं, तो यह दूसरी बार होगा जब भारत गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्य प्रमुखों के एक समूह की मेजबानी करेगा। 2018 में आसियान देशों के राष्ट्र प्रमुखों ने अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई थी। इससे पहले गणतंत्र दिवस पर कजाकिस्तान के अलावा इनमें से किसी भी देश के राज्य प्रमुख को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित नहीं किया गया था। 2009 में कजाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव मुख्य अतिथि थे।
सूत्रों के अनुसार, कोरोना की स्थिति के कारण, भारत सरकार किसी भी विदेशी अतिथि को आमंत्रित करने के लिए कोई जोखिम लेने के मूड में नहीं है, इसलिए ऐसा लगता है कि योजना रद्द कर दी गई है। पिछले साल, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को इसके लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन बाद में यूके में बढ़ते कोरोना मामलों के कारण रद्द कर दिया गया था।
अतीत में, ऐसे मौके आए हैं जब गणतंत्र दिवस समारोह बिना किसी विदेशी अतिथि के मनाया गया था। 1966 में गणतंत्र दिवस परेड समारोह में कोई विदेशी मुख्य अतिथि नहीं था, क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जनवरी में ताशकंद में निधन हो गया था और इंदिरा गांधी ने 24 जनवरी को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
(आईएएनएस)
Created On :   18 Jan 2022 12:01 PM GMT