तेलंगाना चुनाव में पारिवारिक शासन, भ्रष्टाचार रहेंगे अहम मुद्दे, रहेगा केंद्र का दबदबा

Family rule, corruption will remain important issues in Telangana elections, center will dominate
तेलंगाना चुनाव में पारिवारिक शासन, भ्रष्टाचार रहेंगे अहम मुद्दे, रहेगा केंद्र का दबदबा
तेलंगाना तेलंगाना चुनाव में पारिवारिक शासन, भ्रष्टाचार रहेंगे अहम मुद्दे, रहेगा केंद्र का दबदबा
हाईलाइट
  • वंशवाद की राजनीति से मुक्त

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। परिवार शासन, कथित भ्रष्टाचार और केंद्र द्वारा भेदभाव उन प्रमुख मुद्दों में से हैं, जिनके अगले साल होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव में हावी होने की संभावना है।

विपक्षी दल बढ़ते सार्वजनिक ऋण और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अपने कुछ वादों को पूरा करने में विफल रहने के मुद्दों को उठाने की कोशिश कर सकते हैं। 2014 में राज्य के गठन के बाद से लगातार सत्ता में रहने के कारण टीआरएस को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन पार्टी पिछले आठ वर्षो के दौरान अपने कामकाज के प्रदर्शन के आधार पर एक नया जनादेश प्राप्त करने के लिए कमर कस रही है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जो आक्रामक हो गई है और खुद को टीआरएस के एकमात्र व्यवहार्य विकल्प के रूप में पेश कर रही है, मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, जिन्हें केसीआर के नाम से जाना जाता है, द्वारा पारिवारिक शासन पर अपने हमले तेज करने की संभावना है। पारिवारिक शासन और भ्रष्टाचार दो आम प्रमुख मुद्दे हैं, जिन्हें भाजपा और कांग्रेस दोनों लंबे समय से उठा रहे हैं।

दोनों विपक्षी दल कहते रहे हैं कि सिर्फ केसीआर, उनके बेटे के.टी. रामा राव, बेटी के. कविता और भतीजे हरीश राव राज्य चला रहे हैं। वे सत्तारूढ़ दल में आंतरिक लोकतंत्र की कमी और उनकी कथित निरंकुश कार्यशैली के लिए टीआरएस नेता को निशाना बनाते रहे हैं। वे राज्य सचिवालय का दौरा नहीं करने और अपने फार्महाउस से सरकार चलाने के लिए केसीआर का उपहास उड़ाते हैं। वंशवाद की राजनीति से मुक्त एकमात्र पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा ने तेलंगाना को पारिवारिक शासन से मुक्त करने का संकल्प लिया है।

26 मई को अपने हैदराबाद दौरे के दौरान भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केसीआर पर निशाना साधा था। उन्होंने वंशवादी राजनीति और परिवार-केंद्रित दलों को देश के लोकतंत्र और युवाओं का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए तेलंगाना को पारिवारिक शासन से मुक्त करने का आह्वान किया था।

भगवा पार्टी के नेता भी तेलंगाना में डबल इंजन वाली सरकार की जरूरत पर जोर देते रहे हैं। यह बात प्रधानमंत्री मोदी और अन्य भाजपा नेताओं ने जनसभाओं के दौरान बार-बार कही। उन्होंने कहा कि केंद्र और तेलंगाना दोनों में भाजपा सरकारें राज्य के विकास को तेजी से ट्रैक कर सकती हैं। राज्य को कर्ज के जाल में फंसाने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही केसीआर पर निशाना साधते रहे हैं। वे कहते हैं कि 2014 में एक अधिशेष बजट वाले राज्य पर अब 3.5 लाख करोड़ रुपये का सार्वजनिक ऋण बकाया है।

विपक्षी दल केसीआर पर सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाते रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं ने टीआरएस सरकार को देश की सबसे भ्रष्ट सरकार करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना केसीआर के लिए एटीएम बन गई।

3 जुलाई को हैदराबाद में भाजपा की एक जनसभा में, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित किया था, शाह और नड्डा दोनों ने भ्रष्टाचार और केंद्रीय धन के डायवर्जन के लिए केसीआर पर हमला किया। भाजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री पर कालेश्वरम परियोजना की लागत को बढ़ाकर 32,000 करोड़ से 1.32 लाख करोड़ रुपये करने का आरोप लगाया। एक कदम आगे बढ़ते हुए राज्य भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय ने कहा कि अगर सत्ता में आए तो भाजपा केसीआर को जेल भेज देगी।

 

आईएएनएस

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Created On :   14 Aug 2022 2:00 PM IST

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