कश्मीर में चुनाव होते हैं और सत्ता लोगों के हाथों जाती है, तो मुझे विश्वास है कि सब ठीक हो जाएगा

Elections are held in Kashmir and the power goes to the hands of the people, then I am sure everything will be fine.
कश्मीर में चुनाव होते हैं और सत्ता लोगों के हाथों जाती है, तो मुझे विश्वास है कि सब ठीक हो जाएगा
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद कश्मीर में चुनाव होते हैं और सत्ता लोगों के हाथों जाती है, तो मुझे विश्वास है कि सब ठीक हो जाएगा

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के जी-23 समूह के मुखर नेता गुलाम नबी आजाद ईद के दिन बड़ा बयान देते हुए कहा कश्मीर में यदि चुनाव हुए तो लोगों के हाथों में ताकत होगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इसके बाद वहां सब ठीक हो जाएगा। ईद की नमाज के बाद आजाद ने कहा, यदि कश्मीर में चुनाव होते हैं और सत्ता लोगों के हाथों जाती है, तो मुझे विश्वास है कि सब ठीक हो जाएगा। ये राहत की बात है कि आखिरकार हम कोरोना से उबर रहे हैं। वहीं एक सवाल के जवाब में आजाद ने कहा, कश्मीर की कश्मीरियत में किसी तरह का भी बदलाव नहीं आया है। राज्य में पहले जैसा ही सोशलिज्म है।

गौरतलब है कि आजाद जी-23 समूह के मुखर नेताओं में से एक रहे हैं। इस वजह से वो अपनी ही पार्टी के नेताओं की आलोचनाओं के शिकार भी होते रहे हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद उन्होंने पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी। इस दौरान आजाद ने कांग्रेस की लगातार हार पर आलाकमान को साफ संकेत दिया था।

राज्यसभा कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर चुके गुलाम नबी आजाद की सदन से रिटायरमेंट पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी जमकर तारीफ की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि आजाद ने हमेशा से ही जम्मू कश्मीर की बेहतरी के लिए सोचा और काम किया। इसके जवाब में आजाद ने भी पीएम मोदी को धन्यवाद दिया था। ये एक ऐसा मौका था जब आजाद अपने संबोधन के दौरान भावुक भी हो गए थे।

फिलहाल रिटायरमेंट के बाद राज्य में एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं और परिसीमन के बाद चुनाव की संभावनाओं के बीच उन्होंने ये अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि कश्मीर में चुनाव होते हैं और सत्ता लोगों के हाथों में दी जाती है, तो उन्हें विश्वास है कि सब ठीक हो जाएगा। आजाद के बयान को आंका जाए तो जम्मू-कश्मीर की राजनीति में अगली दस्तक साफ देखी जा सकती है।

ऐसे में जम्मू कश्मीर की सियासत का यह नया मोड़ साबित हो सकता है। गौरतलब है कि गुलाम नबी राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ जम्मू कश्मीर के भी बड़े नेता के तौर पर पहचाने जाते हैं। आजाद 2005 से 2008 तक जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा केंद्र में भी वो बड़ी भूमिका निभा चुके हैं। पार्टी की देश में गिरती हालत पर वो बेबाकी से बयान देने के लिए भी जाने जाते हैं।

(आईएएनएस)

Created On :   3 May 2022 11:30 AM GMT

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