चुनाव आयोग ने पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की

EC initiates action against registered unrecognized political parties
चुनाव आयोग ने पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की
नई दिल्ली चुनाव आयोग ने पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की
हाईलाइट
  • पार्टियों को प्रोत्साहन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने आरपी अधिनियम 1951 की संबंधित धारा 29ए और 29सी के लिए पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) द्वारा उचित अनुपालन को लागू करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

आयोग के पास तीन विशिष्ट पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) के खिलाफ गंभीर वित्तीय अनौचित्य, कर चोरी के लिए जानबूझकर प्रयास और अन्य अवैध वित्तीय गतिविधियों का सबूत है, जो उनके लिए उपलब्ध विशेषाधिकारों और सार्वजनिक विश्वास के कपटपूर्ण उपयोग की राशि है। अधिकारियों ने आगे कहा कि सितंबर, 2021 तक 2,796 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल (आरयूपीपी) हैं, जो 2001 के बाद से 300 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है।

इस प्रकार पंजीकृत प्रत्येक आरयूपीपी को आरपी अधिनियम 1951 की धारा 29सी के तहत नियमों और निर्देशों का पालन करना आवश्यक है, जिसके लिए चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 85बी के तहत फॉर्म 24ए में निर्धारित योगदान रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आरयूपीपी की जरूरत होती है। चुनावी लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए पार्टियों को प्रोत्साहन के रूप में आरयूपीपी को भी आयकर से 100 प्रतिशत छूट दी गई है।

आयोग ने एक बयान में कहा कि ऐसे 87 आरयूपीपी, ऊपर सूचीबद्ध उपचारात्मक उपायों को सुनिश्चित करने के अभाव में चुनाव चिह्न् आदेश, 1968 के तहत लाभ पाने के हकदार नहीं होने के लिए खुद को उत्तरदायी मानते हैं, जिसमें सामान्य प्रतीक का आवंटन भी शामिल है।

आरयूपीपी की तीन रिपोर्ट पेश की गई हैं। प्रथम दृष्टया गंभीर वित्तीय अनौचित्य में शामिल होने, जैसे फर्जी दान रसीदों से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज, शेल संस्थाओं का गठन, फर्जी और गैर-वास्तविक खरीद, आवास प्रविष्टियों की सुविधा आदि के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चुनाव चिह्न् आदेश, 1968 के लाभों का लाभ उठाने की पात्रता सहित मौजूदा कानूनी या नियामक व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी।

बताया गया है कि 199 आरयूपीपी द्वारा 2018-19 में 445 करोड़ रुपये और 219 आरयूपीपी द्वारा 2019-20 में 608 करोड़ रुपये की आयकर छूट ली गई है। इनमें से 66 आरयूपीपीएस ने अधिनियम की धारा 29सी के तहत अनिवार्य रूप से फॉर्म 24ए में योगदान रिपोर्ट जमा किए बिना आयकर छूट का दावा किया है।

चुनाव आयोग ने कहा कि 66 ऐसे दलों ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत वैधानिक जरूरतों का पालन किए बिना 2020 में आईटी छूट का दावा किया और 2,174 ने योगदान रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की। उचित वैधानिक अनुपालन के बिना दान प्राप्त करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। तीन पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है, जो गंभीर वित्तीय अनियमितताओं में शामिल हैं।

चुनाव पैनल ने एक बयान में कहा, अट्ठाइस गैर-मौजूद आरयूपीपी को सूची से हटा दिया जाएगा और चुनाव चिह्न् आदेश (1968) के तहत लाभ वापस ले लिया जाएगा। कुल 100 आरयूपीपी, जो चुनाव लड़ने के बाद चुनाव व्यय विवरण प्रस्तुत करने में विफल रहे हैं, ने चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन किया है। वे किसी भी परिणामी कार्रवाई से बचने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई के लिए इस निर्देश के जारी होने के 30 दिनों के भीतर पूरे तथ्यों के साथ संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

बयान के मुताबिक, बिना वैधानिक अनुपालन के दान प्राप्त करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। तीन पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) के खिलाफ गंभीर वित्तीय अनियमितता में शामिल होने की सूचना के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई। सत्तासी गैर-मौजूद आरयूपीपी को सूची से हटा दिया जाएगा और चुनाव चिह्न् आदेश (1968) के तहत लाभ वापस ले लिया जाएगा।

 

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Created On :   26 May 2022 12:00 AM IST

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