कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं का राज्यसभा टिकट कटने से छलका दर्द, पार्टी के लिए बन सकती है नई मुसीबत!

Due to the cut of Rajya Sabha ticket of many veteran Congress leaders, there may be a new problem for the party!
कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं का राज्यसभा टिकट कटने से छलका दर्द, पार्टी के लिए बन सकती है नई मुसीबत!
कांग्रेस में घमासान कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं का राज्यसभा टिकट कटने से छलका दर्द, पार्टी के लिए बन सकती है नई मुसीबत!

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए तमाम उठापटक के बाद अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसी बीच पार्टी में बगावती सुर भी शुरू हो गया है। जिन कांग्रेस के नेताओं को राज्यसभा का उम्मीदवार नहीं बनाया गया है, उनके दर्द सामने आए हैं। प्रवक्ता पवन खेड़ा, नगमा के बाद पार्टी के नेता प्रमोद कृष्णम ने भी अब टिकट बंटवारे पर नाराजगी जाहिर की है।

प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस के कुछ नेताओं को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि कुछ नेता ऐसे भी हैं जो हिंदू, धर्म शब्द से नफरत करते हैं। अगर वे शब्द से नफरत करते हैं, तो वे एक हिंदू व्यक्ति को राज्यसभा (चुनाव) में कैसे भेज सकते हैं? हालांकि उन्होंने कहा कि मैं अभी भी कांग्रेस के साथ खड़ा हूं।

सीनियर नेताओं की उपेक्षा हुई 

आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद कृष्णन की नाराजगी साफ दिखाई दी। उन्होंने एएनआई न्यूज से कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में सीनियर नेताओं की उपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद, तारिक अनवर, सलमान खुर्शीद और राशिद अल्वी जैसे नेताओं की भी उपेक्षा की गई है, इन लोगों का सम्मान किया जाना चाहिए था।

कांग्रेस की राज्यसभा टिकटों की लिस्ट पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा भी कांग्रेस नेतृत्व के फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने दूसरे प्रदेश के नेताओं को राजस्थान से टिकट दिए जाने पर कहा था कि इस सूची में ऐसा कौन नेता है, जो राजस्थान का है या फिर उसने राज्य के लिए कोई योगदान दिया हो।

प्रियंका को मिले पार्टी की कमान

प्रमोद कृष्णम आज पूरी तरह तैयारी करके ही बैठे थे, उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद को स्वीकार नहीं करते हैं, तो पार्टी की कमान प्रियंका गांधी को दी जानी चाहिए। कई नेता और कार्यकर्ता ऐसा मानते हैं। लेकिन फिर पार्टी के कुछ सदस्य कहने लगे कि मैं राहुल गांधी के खिलाफ हूं, मैं नहीं हूं, मैं क्यों रहूंगा?

सोनिया ने गुलाम नबी से की बात!

कांग्रेस नेतृत्व को इस बाद का अंदेशा था कि राज्यसभा टिकट बंटवारे के बाद नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को भी इस बार राज्यसभा उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। जिसको लेकर उनके समर्थकों में निराशा है। उधर पार्टी अंदरूनी कलह से जूझ रही है। सूत्रों के मुताबिक इसे देखते हुए सोनिया गांधी ने आजाद से बात की है।

सोनिया गांधी वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार तो कर दिया है लेकिन उनकी नाराजगी कैसे दूर करेंगी। इस पर बड़ा सवाल है।  सूत्रों ने बताया कि उन्होंने रविवार शाम आजाद से फोन पर बात की। हालांकि,  किस मुद्दे पर बात हुई ये सार्वजनिक नहीं किया गया है। यह कदम दिखाता है कि वह असंतोष को दूर करना चाहती हैं। आजाद जी-23 के प्रमुख लोगों में से एक हैं और सुधारों को लेकर पार्टी के भीतर मुखर आवाजों में से एक हैं।

बाहरी बनाम स्थानीय मुद्दा बना

गौरतलब है कि अबकी बार कांग्रेस आलाकमान ने दूसरे राज्य के नेताओं पर भरोसा जताया है और उन्हें किसी दूसरे राज्य से राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है। जिसको देखते हुए स्थानीय नेताओं में असंतोष की लहर दौड़ गई है। उनका कहना है कि जब ये नेता बाहरी है और आज तक प्रदेश के हित में कोई काम भी नहीं किए फिर इनको क्यों राज्यसभा हमारे प्रदेश से क्यों भेजा जा रहा है।

कांग्रेस में एक और अनुभवी उम्मीदवार आनंद शर्मा को भी राज्यसभा के नामांकन से वंचित किया गया है। बाहरी लोगों को उच्च सदन से मनोनीत किए जाने को लेकर छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी इकाइयों में तनाव व्याप्त है। पार्टी के नेता इस कदम पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्रियों ने पार्टी के उम्मीदवारों की पसंद के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। दोनों राज्यों में अगले साल चुनाव होने हैं।

इन नेताओं का पत्ता कटा

गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और वीरप्पा मोइली जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के नाम राज्यसभा उम्मीदवार की सूची में नहीं है, और तीनों को नामांकित होने की उम्मीद थी। राज्यसभा उम्मीदवारों की लिस्ट से इनका नाम काट दिया गया है।  पार्टी ने राज्यसभा से ज्यादातार अपने वफादारों और नई पीढ़ी के नेताओं को टिकट दिया है, लेकिन मुकुल वासनिक और पी. चिदंबरम को जगह मिलने से पार्टी के भीतर असंतोष पैदा हो गया है और यहां तक कि युवा ब्रिगेड में भी कई लोग नाराज हैं। 

पवन खेड़ा ने ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि शायद हमारी ही तपस्या में कमी रह गई होगी। कांग्रेस पार्टी में अबकी बार 50 साल से कम उम्र वाले नेताओं को तवज्जो दिया गया है। हाल ही में उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में पार्टी की तरफ से फैसला लिया गया था कि 50 साल से कम उम्र वालों को मौका दिया जाएगा।

हालांकि फैसला कुछ भी लिया गया हो लेकिन जिस तरह से पार्टी के टिकट के बंटवारे को लेकर नेताओं में असंतोष सामने आया है, उससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस में भविष्य में भारी नुकसान उठान पड़ सकता है। राजस्थान से टिकट पाने की आशा रखने वाले पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा का दर्द भी छलका। उन्होंने बाकायदा ट्वीट कर इसे जाहिर किया।

Created On :   31 May 2022 1:08 PM GMT

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