धामी छोटे मोहरे, चुनाव हरीश रावत और भाजपा के कुशासन के बीच होगा

Dhami small pawn, election will be between Harish Rawat and BJPs misrule
धामी छोटे मोहरे, चुनाव हरीश रावत और भाजपा के कुशासन के बीच होगा
हरीश रावत धामी छोटे मोहरे, चुनाव हरीश रावत और भाजपा के कुशासन के बीच होगा

डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड में कांग्रेस पूरे दमखम से विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने और जीत का दावा कर रही है। हालांकि, पिछले कुछ समय से कांग्रेस अंतर्कलह से जूझ रही है, लेकिन अभियान की कमान संभालने वाले कांग्रेस नेता हरीश रावत का दावा है कि इससे चुनाव की तैयारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। चुनाव आयोग ने फरवरी में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में शारीरिक रैलियों और रोड शो पर फिलहाल 15 जनवरी तक प्रतिबंध लगा दिया है।

तमाम राजनीतिक दलों ने डिजिटल रैली की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में, कांग्रेस की क्या तैयारियां हैं और चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री कौन होगा, इन तमाम मसलों पर कांग्रेस नेता हरीश रावत से बात की आईएएनएस के एग्जीक्यूटिव एडिटर अरविन्द मालगुडी ने। पेश है इस बातचीत के कुछ अंश,

प्रश्न- हरीश रावत जी, आप को पूरा भरोसा है कि आप अगले विधानसभा में पूर्ण बहुमत के साथ वापसी करेंगे?

उत्तर- जी हां, हम बहुत अच्छे बहुमत के साथ वापसी करेंगे। हमने मतदाताओं से कहा है कि अगर आप हमसे प्रसन्न हैं तो इतने वोट दीजिए ताकि हम सुगमता के साथ नई सरकार बनाकर आपको एक अच्छी सरकार दे सकें।

प्रश्न- तो क्या हम कह सकते हैं, कि उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री हरीश रावत होने जा रहे हैं?

उत्तर- अभी तो मैं इतना कह सकता हूं कि मार्च में कांग्रेस का व्यक्ति मुख्यमंत्री बन रहा है, और इसको सुनिश्चित करने का दायित्व हरीश रावत का है। लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, ये पार्टी तय करेगी।

प्रश्न- आपकी पार्टी में कुछ समय से चल रही खींचातानी को आपने खत्म कर दिया है, या यह पार्टी में अभी भी जारी है?

उत्तर- राजनीति में खींचातानी चलती रहती है, लेकिन उसका असर पार्टी की तैयारियों पर और चुनाव पर नहीं पड़ेगा, ये हमने तय कर रखा है।

प्रश्न- बीजेपी का कहना है कि उत्तराखंड में मोदी जी का काफी प्रभाव है, हरीश रावत उस प्रभाव को काट नहीं पाएंगे। आपको क्या लगता है?

उत्तर- देखिए, अगर मोदी जी यहां पर मुख्यमंत्री का चुनाव लड़ रहे होते तो लोग मोदी जी और हरीश रावत की तुलना कर रहे होते। लोग तो अपना मुख्यमंत्री चुन रहे हैं, और पांच साल में लोगों को निराशा हुई है। मोदी जी के कहने पर डबल इंजन की सरकार बैठाई गई और सरकार काम नहीं कर पाई।

अब या तो मोदी जी उत्तराखंड की जनता से माफी मांगे कि मुझसे उस समय गलती हुई, तो हो सकता लोग उनकी अपील पर विचार करें। जनता कह रही है कि अगर फिर डबल इंजन की सरकार आई तो हमारे पांच साल और बर्बाद हो जाएंगे, इसलिए लोग अब बीजेपी के बजाय हरीश रावत और उनकी सरकार की तरफ देख रहे हैं।

प्रश्न-डिजिटल कैम्पेन के बारे में आपका क्या ख्याल है, क्या आप इसका उपयोग कर पाएंगे, वह भी ऐसी जगह जहां के कई इलाकों में अच्छी इंटरनेट सेवा नहीं है?

उत्तर- देखिए चुनाव में जो चुनौतियां हैं, हम उन चुनौतियों का सामना करेंगे। चाहें वह चुनौती किसी भी रूप में आए। मैंने तो डिजिटल संबोधन की शुरूआत भी कर दी है। कल मैंने पहला डिजिटल संबोधन किया, जिसमें 20 हजार लोग तुरंत जुड़ गए थे। आज भी मैं 4 बजे ऐसी ही हल्द्वानी में एक चुनावी सभा कर रहा हूं। हम अपने आपको परिस्थितियों के अनुसार ढाल रहे हैं।

प्रश्न-आपका कहना है कि धामी एक मोहरे हैं, चुनाव बीजेपी और हरीश रावत के बीच होगा। यानी हरीश रावत और मोदी के बीच?

उत्तर- देखिए चुनाव उस बीजेपी के खिलाफ होगा, जिन्होंने उत्तराखंड में ये नकारा सरकार थोपी है।

प्रश्न- उत्तराखंड में इस बार चुनाव किन मुद्दों पर लड़ा जा रहा है?

उत्तर- उत्तराखंड में स्पष्ट तौर पर बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है, फिर भी कानून का मुद्दा है, महंगाई का मुद्दा है, कुशासन का मुद्दा है, अंधाधुंध खनन का मुद्दा है, स्वास्थ्य और चिकित्सा स्ट्रक्च र धवस्त हो गया है , ये बड़ा मुद्दा है। मुद्दे बहुत सारे है, बात ये है कि पांच साल विकास ठप रहा है और राज्य की अर्थव्यवस्था बिल्कुल खराब हो चुकी है।

प्रश्न- आपको क्या लगता है कि मुख्य मुकाबला किससे है, धामी बनाम हरीश रावत, बीजेपी बनाम कांग्रेस या बीजेपी बनाम हरीश रावत?

उत्तर- ये मुकाबला हरीश रावत बनाम बीजेपी होगा, क्योंकि धामी तो एक छोटे मोहरे हैं, जिनको पार्टी ने अपनी एंटी इंकम्बेंसी को, और पार्टी के खिलाफ उठे सवालों को टालने के लिए आगे खड़ा कर दिया है, जिसे पहले से कोई नहीं जानता था।

प्रश्न- आपकी पार्टी के लोगों का कहना है कि हरीश रावत के नेतृत्व में छोटे नेताओं को मौके नहीं मिल पाते हैं, वह आगे नहीं बढ़ पाते हैं, इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?

उत्तर- ऐसा नहीं है, बल्कि आज की पीढ़ी के जितने नेता हैं, उनको मैंने ही समय-समय पर आगे बढ़ने में मदद की है। तो ऐसा बिल्कुल नहीं है, और राजनीति के अंदर चुनौतियां होती हैं, और हर किसी को अपनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मैं अपने सभी दोस्तो को शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि चुनौतियों का समना डटकर करें।

(आईएएनएस)

Created On :   10 Jan 2022 4:30 PM GMT

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