डीजीसीए ने वायु यातायात बढ़ने के मद्देनजर सांस विश्लेषक परीक्षण के दिशानिर्देशों की समीक्षा की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोविड-19 मामलों में गिरावट और हवाई यातायात की मात्रा में वृद्धि को देखते हुए विमानन नियामक महानिदेशक नागर विमानन ने पायलटों और चालक दल के सदस्यों के उड़ान के समय सांस विश्लेषक परीक्षण के लिए दिशानिर्देशों की समीक्षा की है।
डीजीसीए ने हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश पर भी ध्यान दिया है, जिसमें एक घंटे में केवल छह कर्मियों के परीक्षण के प्रतिबंध को हटा दिया गया है, जैसा कि नियामक के पहले के दिशानिर्देशों में उल्लेख किया गया है।बुधवार को जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार, सांस विश्लेषण परीक्षण एक बड़े और खुले क्षेत्र में किया जाएगा, जिसमें संबंधित नागरिक उड्डयन आवश्यकता नियम (सीएआर) के अनुसार सीसीटीवी कवरेज या कैमरा रिकॉर्डिग हो।
डॉक्टर, पैरामेडिक या नर्स सीएआर के तहत अधिकृत व्यक्ति को बीए परीक्षण करने से पहले कोविड -19 रोग के लक्षणों के लिए स्कैन करेंगे।यदि किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं, तो उस व्यक्ति को आवश्यक जांच से गुजरना होगा और फिट घोषित होने पर ही ड्यूटी पर लौट पाएगा और ऐसे सभी मामलों का रिकॉर्ड रखना होगा।
दिशानिर्देशों के अनुसार, डॉक्टर, नर्स या पैरामेडिक बीए परीक्षण के लिए ड्यूटी में शामिल होने से पहले संबंधित राज्य सरकारों द्वारा अनुमोदित कोविड-19 के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट या कोई अन्य परीक्षण करेंगे।इसमें यह भी कहा गया है कि हर इस्तेमाल से पहले बीए उपकरण को यूवी स्टरलाइजर्स से सैनिटाइज किया जाना चाहिए और बीए ट्यूबों की अखंडता और स्वच्छता की स्थिति को बनाए रखा जाना चाहिए।नियामक ने कहा कि इस बीच की अवधि के दौरान, जो इस आदेश के जारी होने की तारीख से 14 अक्टूबर तक है, डीजीसीए के 29 मार्च, 2022 के आदेश में निर्धारित सभी शर्ते लागू रहेंगी।
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Created On :   14 Sept 2022 4:00 PM IST