पार्टी से नाराज चल रहे कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा चुनाव मैं लीड करूंगा
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- हरीश को मिली हिदायत
- सभी नेताओं को साथ लेकर चले
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पार्टी से नाराज चल रहे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कहा कि उनकी अगुवाई में चुनाव लड़ा जाएगा। अन्य नेता उनको सहयोग करेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री बनने के फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में इसका फैसला लिया जाएगा।
गौरतलब है कि शुक्रवार को केंद्रीय नेतृत्व ने उत्तराखंड की कमान संभाली। जिस तरीके से उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी के दो गुट सामने आ गए, उसपर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी, जिसके बाद वे कहीं ना कहीं केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने के प्रयास में सफल रहे। राहुल गांधी के दिल्ली स्थित आवास पर शुक्रवार को दोपहर 12:00 बजे उत्तराखंड के नेताओं की एक अहम बैठक हुई। बैठक में हरीश रावत, उत्तराखंड अध्यक्ष गणेश गोंदियाल, राजयसभा सांसद प्रदीप टम्टा, प्रभारी देवेंद्र यादव शामिल हुए।
बैठक करीब ढाई घंटे चली और यह निर्णय लिया गया कि कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष हरीश रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड का आगामी विधानसभा का चुनाव लड़ा जायेगा। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी की बैठक में हरीश रावत को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से हिदायत और आश्वासन दोनों मिले। हिदायत यह दी गई कि रावत पार्टी जूनियर नेताओं के साथ सामंजस्य बैठाकर और उन्हें साथ लेकर चलेंगे और आश्वासन यह कि उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा।
हालांकि, राहुल गांधी से मुलाकात के बाद हरीश रावत ने पत्रकारों से कहा, एक विशेषाधिकार हमेशा कांग्रेस अध्यक्ष के पास रहा है। दूसरा, अन्य कांग्रेस जन को एक सामूहिक विश्वास का विशेषाधिकार है, जिसमें चुनाव के बाद पार्टी विधायकों की बैठक में यह तय किया जाता है कि उसका नेता कौन होगा। पार्टी विधायक अपनी राय कांग्रेस अध्यक्ष को देते हैं और कांग्रेस अध्यक्ष इस पर अंतिम फैसला करता है। यह विशेषाधिकार कांग्रेस के लोगों को हृदय से प्यारा है, हम उत्तराखंड में भी उसी का पालन करेंगे। यह तय हुआ है कि मैं सीएलपी लीडर के तौर पर काम करूंगा, और सब लोग उस काम में सहयोग देंगे।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने आईएएनएस कहा कि ऐसे लोग जिन्होंने पार्टी के अनुशासन के खिलाफ काम किया है, जैसे कुछ लोग 2007 में पार्टी के खिलाफ वीडियो वायरल करने का काम कर रहे थे, तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ ही चुनाव लड़े थे, दो शख्स ऐसे भी थे जिन्होंने हरीश रावत की सरकार हो या तिवारी की सरकार हो उसको गिराने में अहम भूमिका निभाई.. आज पार्टी ने ऐसे लोगों को महत्वपूर्ण पद दे दिया है। हमें इस बात की शिकायत है। मैंने पार्टी के फोरम पर भी इस मसले को उठाया है और चाहता हूं कि चुनाव में जाने से पहले पार्टी को अपना चेहरा घोषित कर देना चाहिए। इससे पार्टी को फायदा मिलेगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में पूरा सियासी बवाल हरीश रावत के एक ट्वीट के बाद सामने आया जिसमें हरीश रावत ने लिखा, है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र में तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है।
(आईएएनएस)
Created On :   24 Dec 2021 5:00 PM IST