कांग्रेस के जी-23 नेता दिल्ली में राहुल गांधी और केरल में वेणुगोपाल के विरोध में

Congress G-23 leaders protest against Rahul Gandhi in Delhi and Venugopal in Kerala
कांग्रेस के जी-23 नेता दिल्ली में राहुल गांधी और केरल में वेणुगोपाल के विरोध में
अंदरूनी लड़ाई जारी कांग्रेस के जी-23 नेता दिल्ली में राहुल गांधी और केरल में वेणुगोपाल के विरोध में

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव के पक्षधर नेताओं यानी जी-23 एक तरफ दिल्ली में जहां राहुल गांधी के विरोध में है तो दूसरी तरफ केरल में वह के सी वेणुगोपाल का मुखर विरोधी है। के सी वेणुगोपाल वायनाड के सांसद राहुल गांधी के अत्यंत करीबी माने जाते हैं। देश के पांच राज्यों में हुये विधानसभा चुनाव में मिली करारा शिकस्त के बाद बौखलाये कांग्रेस के जी-23 नेता इस हार का ठीकरा अब राहुल गांधी के करीबी 58 वर्षीय वेणुगोपाल के सिर फोड़ने में जुटे हैं।

वेणुगोपाल को जबसे कांग्रेस महासचिव के साथ संगठन मामलों के महासचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, तबसे वह जी-23 नेताओं की आंखों में खटकने लगे थे। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी करके उन्हें यह पदभार दिया जाना पार्टी के कई नेताओं को पसंद नहीं आया। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अत्यंत निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कन्नूर के श्रीकंदपुरम स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर वेणुगोपाल के खिलाफ पोस्टर चिपकाये गये हैं। इन पोस्टरों पर लिखा है-कांग्रेस को बचायें: पांच राज्यों से कांग्रेस के सफाये के लिये वेणुगोपाल का शुक्रिया।

वेणुगोपाल और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के सुधाकरन दोनों कन्नूर के ही निवासी हैं लेकिन ऐसी रिपोर्टे सामने आ रही हैं कि दोनों नेताओं में आपस में बनती नहीं है। वेणुगोपाल ने सुधाकरन की अनदेखी करते हुये विपक्ष के नेता नियुक्त किये गये वी डी सतीशन को तरजीह दी है। वेणुगोपाल ने कांग्रेस के महासचिव पद तक की सीढ़ियां हमेशा पार्टी के दिग्गज नेताओं के समर्थन से चढ़ी हैं। वह शुरूआत में यानी 1990 में के करूणाकरन के करीबी बने, जिससे उन्हें पार्टी में जबरदस्त उछाल मिला।

राहुल गांधी से नजदीकी की बदौलत वेणुगोपाल राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य नामित हुये, जिसके कारण उम्मन चांडी, रमेश चेन्नीतला और सुधाकरन उनसे खफा हो गये। वर्ष 2021 में हुये राज्य के विधानसभा चुनाव में वेणुगोपाल सीटों के बंटवारे पर इस कदर हावी रहे कि कांग्रेस को पराजित करके मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अगुवाई वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की सरकार रिकॉर्ड बनाती हुई दोबारा सत्ता पर काबिज हो गयी। केरल में जब स्थितियां अधिक प्रतिकूल हो गयीं तो पार्टी हाईकमान ने चेन्नीतला को दरकिनार करते हुये वी डी सतीशन को विपक्ष का नेता घोषित कर दिया। फिलहाल सतीशन को वेणुगोपाल का समर्थन मिला हुआ है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक अगर कांग्रेस हाईकमान संगठनात्मक बदलाव के लिये राजी होता है तो वेणुगोपाल का भविष्य खतरे में पड़ जायेगा क्योंकि उन्हें दिल्ली में बहुत कम समर्थन प्राप्त है।

(आईएएनएस)

 

Created On :   12 March 2022 4:00 PM IST

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