अशोक गहलोत समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई में देरी से कांग्रेसी नाराज

Congress angry over delay in action against Gehlot supporters
अशोक गहलोत समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई में देरी से कांग्रेसी नाराज
अंतर्कलह अशोक गहलोत समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई में देरी से कांग्रेसी नाराज

डिजिटल डेस्क, जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीन वफादारों के खिलाफ अनुशासनहीनता के लिए कांग्रेस आलाकमान द्वारा कार्रवाई में देरी ने कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को निराश और परेशान कर दिया है।

आईएएनएस से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि असमंजस की मौजूदा स्थिति से दिसंबर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ा नुकसान होगा। उन्होंने मांग की है कि आलाकमान दिसंबर के पहले सप्ताह में संभवत 5 तारीख को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश से पहले भ्रम की स्थिति को दूर करे।

कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने कहा, अगर अभी कार्रवाई की जाती है तो जनता को समझाने के लिए हमारे पास कम से कम कुछ समय होगा। दिव्या ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, यह हकीकत है कि पार्टी के कार्यकर्ता और अफसरशाही भ्रमित हैं और कोई शासन नहीं है। फाइलें मेजों पर पड़ी रहती हैं, ऐसे में हम शासन कैसे देंगे। उन्होंने यह कहते हुए सवाल किया कि कुछ स्पष्टता की जरूरत है।

उन्होंने कहा- पूरी तरह भ्रम की स्थिति है, वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ मीडिया में रिपोर्टें कह रही कि राजस्थान पर अंतिम निर्णय 15 दिनों के बाद आएगा, लेकिन महीने बीत चुके हैं और 25 सितंबर से कोई स्पष्टता नहीं है। वास्तव में, 25 सितंबर को जो हुआ आजतक कांग्रेस के इतिहास में किसी ने भी आलाकमान द्वारा बुलाई गई बैठक का बहिष्कार करने जैसा कुछ नहीं किया। हालांकि, तब से चीजें बदल गई हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं ने बाहर आना शुरू कर दिया है और अनुशासनहीनता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही जिन विधायकों को अन्य नेताओं द्वारा बुलाई गई बैठकों में ले जाया गया, वह खुले में आ गए और कहा कि वह आधिकारिक बैठक का बहिष्कार करने के झूठे दावों से आश्वस्त थे।

25 सितंबर को कांग्रेस आलाकमान ने बैठक बुलाई थी और सभी विधायकों को वहां मौजूद रहने को कहा था। हालांकि, राज्य के दो मंत्रियों महेश जोशी और शांति धारीवाल और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर ने एक समानांतर बैठक बुलाई, विधायकों को अपने साथ ले गए और कथित रूप से उनमें से कई ने इस्तीफा दे दिया। राहुल गांधी की यात्रा दिसंबर के पहले सप्ताह में राजस्थान में प्रवेश कर रही है। हालांकि, कार्यकर्ता निराश हैं क्योंकि जिन लोगों को पार्टी आलाकमान के खिलाफ उनकी अनुशासनहीनता के लिए नोटिस दिया गया था, उन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

कांग्रेस विधायक केएल बैरवा ने कहा, हर कोई सीएम के तीन वफादारों राज्य के मंत्रियों महेश जोशी और शांति धारीवाल समेत आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर के खिलाफ कार्रवाई चाहता था। जितनी देर होगी, उतनी ही नाराजगी होगी। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, इन परिस्थितियों में हमारा जीतना मुश्किल है।

नाम न छापने की शर्त पर एक अन्य विधायक ने कहा, हमें खुशी है कि राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने इस्तीफा दे दिया है। आलाकमान इन नोटिसों को जारी करने के बाद चुप हो गया है। इन तीनों नेताओं के जवाब मिलने के बाद उन्हें अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी।

दरअसल, गहलोत खेमे के कई विधायक भी 25 सितंबर की घटना के बाद आलाकमान से कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें जोशी, धारीवाल और राठौर ने आधिकारिक बैठक का बहिष्कार करते हुए समानांतर बैठक बुलाई थी। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मौजूदा हालात में बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, हम भारत जोड़ो यात्रा का ऐतिहासिक स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, जिसे इतिहास के पन्नों में याद रखा जाएगा।

(आईएएनएस)

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Created On :   22 Nov 2022 6:31 PM IST

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