सीएम गहलोत ने पीएम को लिखा पत्र , ईंधन पर मांगी उत्पाद शुल्क में कटौती
- वैट को कम करने के लिए राज्यों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान भाजपा ने मंगलवार को ट्विटर पर एक अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पेट्रोल और डीजल पर वैट घटाने का आग्रह किया, तो राजस्थान के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा, जिसमें कहा कि करों में राज्यों की हिस्सेदारी में लगातार घटाना राजकोषीय संघवाद की भावना के खिलाफ है।
गहलोत ने कहा कि केंद्र ने पहले पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त और विशेष उत्पाद शुल्क बढ़ाया और बाद में इसे न्यूनतम कर दिया और वैट को कम करने के लिए राज्यों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाने की कोशिश की, जो सहकारी संघवाद की भावना के विपरीत भी है।गहलोत ने केंद्र से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय पूल के अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और विशेष उत्पाद शुल्क को और कम करने का अनुरोध किया, ताकि आम जनता को उत्पाद शुल्क और वैट में एक साथ कमी का उचित लाभ मिल सके।इसके अलावा, गहलोत ने मोदी से तेल कंपनियों को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि को रोकने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि तेल कंपनियों द्वारा कीमतों में दैनिक वृद्धि से केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी गई राहत का लाभ शून्य हो जाएगा।
छह मई, 2020 को लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया था। 4 नवंबर, 2021 को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये प्रति लीटर की कमी करने के बाद लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की दर से केंद्र ने दावा किया कि इससे आम जनता को बड़ी राहत मिली है, जबकि हकीकत यह है कि 2021 में ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 27 रुपये और 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी।उन्होंने कहा, ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती नाकाफी प्रतीत होती है।
गहलोत ने कहा कि राजस्थान के कुल राजस्व का 22 प्रतिशत से अधिक पेट्रोल-डीजल पर वैट से आता है। राजस्थान सरकार ने 29 जनवरी 2021 से अब तक पेट्रोल पर लगभग 3 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.80 रुपये प्रति लीटर की कमी की है।उन्होंने कहा कि राज्य को सालाना 2,800 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। चालू वित्तवर्ष में अक्टूबर तक कोविड परिस्थितियों के कारण राजस्व में 20,000 करोड़ रुपये की कमी आई है। साथ ही, केंद्र द्वारा राज्य को 5,963 करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा जारी नहीं किया गया है। गहलोत ने प्रधानमंत्री से जीएसटी मुआवजे की बकाया राशि का शीघ्र भुगतान करने और राज्यों को जीएसटी मुआवजे की अवधि को वर्ष 2027 तक बढ़ाने का अनुरोध किया।इस बीच, भाजपा ने मंगलवार को ट्विटर पर गहलोत से वैट कम करने की मांग की।
(आईएएनएस)
Created On :   10 Nov 2021 12:00 AM IST