अमीरों का कर्ज माफ करने के लिए करदाताओं का पैसा खर्च कर रहा केंद्र : केजरीवाल
- केंद्र पर निशाना साधा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को मुफ्त योजनाओं पर चल रही बहस का जवाब दिया और केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए उसके खर्च पर संदेह जताया।
केजरीवाल ने कहा कि करदाताओं का पैसा जनता के लिए है, न कि राजनेताओं द्वारा अपने दोस्तों के कर्ज को माफ करने के लिए। उन्होंने कहा, अगर इन लोगों ने अपने दोस्तों का 10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ नहीं किया होता तो केंद्र सरकार को दूध, दही पर टैक्स नहीं लगाना पड़ता या हमारे जवानों की पेंशन बंद नहीं करनी पड़ती। ये लोग अपने अमीरों का लाखों करोड़ का कर्ज माफ कर रहे है।
उन्होंने कहा, ये लोग जनता का पैसा अपने दोस्तों पर खर्च करते हैं, जबकि हम इसे वंचितों आम आदमी को देते हैं। अगर सारा सरकारी पैसा चंद लोगों पर खर्च हो जाता है, तो देश कैसे आगे बढ़ेगा। केंद्र पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे यह कहते हुए अग्निपथ योजना लाए हैं कि उनके पास पेंशन के लिए पैसे नहीं हैं।
उन्होंने कहा, आजादी के बाद से ऐसा कभी नहीं हुआ कि देश के पास अपने सैनिकों को पेंशन देने के लिए पैसे नहीं बचे हैं। केंद्र का पैसा कहां गया? केंद्र सरकार राज्यों के साथ करों का एक हिस्सा साझा करती है। पहले, यह 42 प्रतिशत थी। अब इसे घटाकर 29-30 प्रतिशत कर दिया गया है। केंद्र 2014 में एकत्र किए गए करों की राशि का दोगुना-तिगुना एकत्र कर रहा है। सारा पैसा कहां जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 2014 में केंद्र का बजट 20 लाख करोड़ रुपये था, जो अब 40 लाख करोड़ रुपये है। केजरीवाल ने आरोप लगाया, केंद्र ने सुपर अमीर लोगों, उनके दोस्तों के कर्ज माफ करने पर 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अगर उन्होंने इन ऋणों को माफ नहीं किया होता, तो सरकार को लोगों के भोजन पर कर लगाने या सैनिकों की पेंशन रोकने की आवश्यकता नहीं होती।
आईएएनएस
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Created On :   12 Aug 2022 12:30 AM IST