सीएम आवास पर गाजे-बाजे के साथ जश्न, हेमंत बोले- संवैधानिक संस्थाओं को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे?

Celebration at CMs residence, Hemant said - If you buy constitutional institutions, how will you be able to buy public support?
सीएम आवास पर गाजे-बाजे के साथ जश्न, हेमंत बोले- संवैधानिक संस्थाओं को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे?
झारखंड राजनीति सीएम आवास पर गाजे-बाजे के साथ जश्न, हेमंत बोले- संवैधानिक संस्थाओं को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे?

डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के आवास के बाहर बुधवार दोपहर सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच जमकर अबीर-गुलाल उड़ाये। इसके थोड़ी ही देर बाद सीएम ने पुलिसकर्मियों के जश्न की तस्वीर के साथ ट्विट किया, संवैधानिक संस्थाओं को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे? झारखंड के हजारों मेहनती पुलिसकर्मियों का यह स्नेह और यहां की जनता का समर्थन ही मेरी ताकत है। हैं तैयार हम। जय झारखंड।

दरअसल ये पुलिसकर्मी राज्य सरकार के उस फैसले पर जश्न मनाने जुटे थे, जिसमें पुलिसकर्मियों को प्रति वर्ष एक महीने का क्षतिपूर्ति अवकाश देने का एलान किया गया है। यह जश्न उस वक्त मनाया गया, जब चुनाव आयोग ने सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की चुनाव आयोग की अनुशंसा झारखंड के राज्यपाल को भेजी है। जश्न मना रहे पुलिसकर्मियों ने सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात कर उनके हक में लिये गये निर्णय के लिए आभार जताया। मुख्यमंत्री ने भी आवास के बाहर आकर पुलिसकर्मियों का अभिवादन स्वीकार किया।

इधर हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की चुनाव आयोग की अनुशंसा की खबरों को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने शाम साढ़े चार बजे प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार वर्ष 2024 तक पूरे मजे के साथ चलेगी। झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य और सांसद विजय हांसदा ने कहा कि सरकार पूरी तरह स्थिर है। हमारे साथ जनता का आशीर्वाद है और हम जनता से किये अपने वादों को पूरा करने के प्रति कृतसंकल्प है।

झामुमो प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की सदस्यता को लेकर क्या अनुशंसा की है, इसके बारे में भाजपा के एक सांसद पहले से कैसे ट्विट कर रहे हैं? यह आपराधिक कृत्य है, जिसपर चुनाव आयोग को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। ऐसा न होने से संवैधानिक संस्था की विश्वसनीयता और साख पर संकट खड़ा हो रहा है।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   25 Aug 2022 5:30 PM IST

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