कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार से मांगी रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क,कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशड़ा में 2 अप्रैल की शाम रामनवमी के जुलूस से शुरू हुई हिंसा पर 3 अप्रैल की रात तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में एक पूरक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें रिशड़ा में हिंसा के कारणों को बताया गया हो। बुधवार को मामले की सुनवाई होगी।
मंगलवार की सुबह पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने रिशड़ा में सोमवार रात जारी हिंसा के मामले में खंडपीठ का ध्यान खींचा, जिस पर राज्य सरकार को निर्देश दिए। न्यायमूर्ति शिवगणनम और न्यायमूर्ति भट्टाचार्य की एक ही खंडपीठ ने राज्य सरकार को हावड़ा जिले के शिबपुर और काजीपारा इलाकों में रामनवमी के जुलूस को लेकर हुई झड़पों पर अदालत को एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
इस बीच, नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया है कि जहां पुलिस धारा 144 लगाने के नाम पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य सुकांत मजूमदार सहित राज्य के भाजपा नेताओं को रिशड़ा पहुंचने से रोक रही है, वहीं पुलिस तृणमूल कांग्रेस को अनुमति दे रही है। पार्टी के लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी समेत कई नेता क्षेत्रों में घूम रहे हैं। उन्होंने कहा, पुलिस दो पक्षों के लिए दो तरह के नियम लागू नहीं कर सकती है।
इस बीच, उत्तर बंगाल में अपने निर्धारित कार्यक्रमों में कटौती करते हुए मंगलवार को कोलकाता पहुंचने पर राज्य के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने हवाई अड्डे से सीधे रिशड़ा के अशांत क्षेत्रों का दौरा करने का निर्णय लिया। राज्यपाल ने कहा, तनाव पैदा करने के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को, चाहे उसकी पहचान कुछ भी हो, बख्शा नहीं जाएगा। लोगों की सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता है।
(आईएएनएस)
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Created On :   4 April 2023 2:00 PM IST