कैबिनेट ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण को जारी रखने की मंजूरी दी

Cabinet approves continuation of Pradhan Mantri Awas Yojana-Gramin
कैबिनेट ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण को जारी रखने की मंजूरी दी
नई दिल्ली कैबिनेट ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण को जारी रखने की मंजूरी दी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ग्रामीण क्षेत्रों में सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) को मार्च 2024 तक जारी रखने की मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2021 से आगे पीएमएवाई-जी को जारी रखने के लिए ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें शेष 1.55 करोड़ घरों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जानी है। इस योजना के तहत 31 मार्च, 2021 तक कुल 2.95 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य है।

पीएमएवाई-जी के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2.95 करोड़ घरों के संचयी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शेष 1.55 करोड़ घरों के निर्माण के लिए कुल वित्तीय निहितार्थ 2,17,257 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्सा 1,25,106 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 73,475 करोड़ रुपये) है। नाबार्ड को ब्याज अदायगी के लिए अतिरिक्त 18,676 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। मार्च 2024 तक योजना की निरंतरता यह सुनिश्चित करती है कि पीएमएवाई-जी के तहत 2.95 करोड़ घरों के समग्र लक्ष्य के भीतर शेष 155.75 लाख घरों का निर्माण सभी के लिए आवास का लक्ष्य हासिल करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के घरों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।

29 नवंबर तक कुल 2.95 करोड़ के लक्ष्य में से 1.65 करोड़ पीएमएवाई-जी घरों का निर्माण किया जा चुका है। अनुमान है कि 2.02 करोड़ घर, जो एसईसीसी 2011 डेटाबेस आधारित स्थायी प्रतीक्षा सूची के लगभग बराबर है, 15 अगस्त, 2022 की समय सीमा तक पूरा हो जाएगा। 2.95 करोड़ घरों के कुल लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजना को मार्च 2024 तक जारी रखने की आवश्यकता है। ईबीआर को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने और सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) के माध्यम से संपूर्ण योजना निधि के प्रावधान का निर्णय वित्त मंत्रालय के परामर्श से किया जाएगा।

प्रत्येक छोटे राज्य हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गोवा, पंजाब, उत्तराखंड, को छोड़कर प्रत्येक छोटे राज्य को प्रशासनिक निधि के केंद्रीय हिस्से से अतिरिक्त 45 लाख रुपये की प्रशासनिक निधियां (कुल प्रशासनिक निधि में से 0.3 प्रतिशत) वार्षिक रूप से जारी की जाती हैं। असम और त्रिपुरा व जम्मू और कश्मीर को छोड़कर सभी केंद्र शासित प्रदेशों ने इन राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को 1.70 प्रतिशत से अधिक प्रशासनिक निधि जारी की।

(आईएएनएस)

Created On :   8 Dec 2021 8:00 PM IST

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