चीन से प्लास्टिक का नहीं, पारंपरिक आकाश कंदील खरीदें : गोवा के सीएम
डिजिटल डेस्क, पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने लोकल के लिए वोकल और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करने पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि लोगों को दिवाली के लिए पारंपरिक आकाश कंदील खरीदना चाहिए और चीन निर्मित प्लास्टिक को प्रदर्शित करने में दिलचस्पी नहीं दिखानी चाहिए। सावंत ने उत्तरी गोवा में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, हमें दिवाली मनाने के लिए स्थानीय विक्रेताओं से सामान खरीदने की जरूरत है। बहुत से लोग आकाश कंदील को घर पर बनाते हैं और इसे बेचते हैं। यहां तक कि कई विशेष स्कूल भी इसे बनाते हैं। हमें दूसरे देश से आकाश कंदील को प्रदर्शित करने में दिलचस्पी नहीं लेनी चाहिए। साथ ही अगर हम चीन से आयातित प्लास्टिक का आकाश कंदील प्रदर्शित करते हैं तो हमें स्वयंपूर्ण की बात नहीं करनी चाहिए।
दिवाली के दौरान गोवा में कई जगहों पर पर्यावरण के अनुकूल आकाश कंदील प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जहां नारियल के पेड़ के पत्तों से बने आकाश कंदील दिखाई देते हैं। हालांकि, लोग घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में प्रदर्शित करने के लिए बाजारों से रेडीमेड आकाश कंदील खरीद लेते हैं। उन्होंने दोहराया कि लोगों को बाहर से फूल आयात करना बंद कर इसे यहां उगाना चाहिए। उन्होंने कहा, इससे हमें स्वयंपूर्ण गोवा का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि जो कुछ भी स्थानीय रूप से उत्पादित किया जा सकता है, वह किया जाना चाहिए और लोगों को स्थानीय खरीदना चाहिए। सावंत ने कहा, कुनबी साड़ी का निर्माण बंद हो गया था। अब यह फिर से शुरू हो गया है और पूरे भारत में बाजार में आ रहा है। यह लोकल के लिए वोकल की अवधारणा है। हमें स्थानीय और स्थानीय खरीदारी के बारे में बात करने की जरूरत है। सावंत ने इससे पहले बुनकरों और लोगों से कुनबी साड़ी को फैशन में लाने का आग्रह किया था, ताकि इसकी कीमत बढ़ाई जा सके।
ऐसा माना जाता है कि कुनबी जनजाति की पारंपरिक पोशाक शैली कुनबी साड़ी पुर्तगालियों के गोवा पर कब्जा करने से पहले भी मौजूद थी। कुनबी साड़ी प्रचलन में तब आई, जब गोवा के प्रख्यात फैशन डिजाइनर दिवंगत वेंडेल रॉड्रिक्स ने फैशन रैंप पर इसे बढ़ावा दिया। सावंत ने कहा कि कुनबी साड़ी को और बढ़ावा दिया जाए और उसका उत्पादन बढ़ाया जाए। इससे पहले कई मौकों पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गोवा के लोगों से सब्जियां, फल और फूल उगाने का आग्रह किया था, ताकि उन्हें पड़ोसी राज्यों से आयात करना बंद किया जा सके और आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके।
(आईएएनएस)
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Created On :   23 Oct 2022 7:30 PM IST