मप्र में भाजपा का नर्मदा नदी की पट्टी के क्षेत्रों पर जोर
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- नर्मदा के बहाने आदिवासियों पर फोकस
डिजिटल डेस्क, भोपाल । मध्य प्रदेश में भाजपा ने नर्मदा नदी की पट्टी पर बसे क्षेत्रों के जनजातीय वर्ग पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। सरकार और भाजपा संगठन दोनों ने इस वर्ग के बीच पहुंचने की कवायद तेज कर दी है।
राज्य सरकार ने नर्मदा नदी की स्थिति में सुधार लाने के मकसद से कई फैसले लेना शुरू कर दिए हैं। यह ऐसी नदी है जो राज्य के बड़े हिस्से में जीवनदायनी मानी गई है। आदिवासी वर्ग के अलावा अन्य वर्गों में नर्मदा नदी को लेकर श्रद्धा का भाव है, यही कारण है कि राज्य में तमाम धार्मिक अनुष्ठान भी इस नदी के तट पर होते हैं। होशंगाबाद जिले का नाम तक नर्मदापुरम कर दिया गया है।
नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक में तो सरकार ने नए निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक लगाने तक का फैसला कर लिया है, वहीं नदी के दोनों तट और कैचमेंट एरिया में अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने की बात कही जा रही है। किसानों को अपने खेतों में फलदार पेड़ लगाने प्रोत्साहित किया जाएगा। वहीं नदी में गंदगी न पहुंचे इसके लिए भी प्रयास होंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नर्मदा के पावन जल को दूषित होने से रोकने के लिए मल एवं गंदगी को नर्मदा में जाने से रोकना होगा। नर्मदा के कैचमेंट एरिया में जहां भी यूकेलिप्टस के पेड़ लगे हैं, हमें उन्हें हटाना होगा। यूकेलिप्टस पानी को अवशोषित कर धरती को बंजर बना देता है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि साल के पेड़ अधिक से अधिक लगाए जाएंगे, क्योंकि ये अपनी जड़ों से पानी छोड़ते हैं, जो छोटी-छोटी धाराओं के रूप में नर्मदा में मिलता है और नर्मदा की धार को अविरल बनाता है। उन्होंने कहा कि नर्मदा का संरक्षण और संवर्धन अकेले सरकार नहीं कर सकती है, इसके लिए समाज को मिलकर काम करना होगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल में नर्मदा परिक्रमा की थी और उसके प्रभारी वर्तमान में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा थे। अभी हाल में ईश्वरानंद उत्तम स्वामी की 165 दिन की नर्मदा परिक्रमा को लेकर कहा, नर्मदा परिक्रमा जन-जागरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे लोगों को माँ नर्मदा के प्रति आस्था एवं उसके संरक्षण तथा संवर्धन की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार माँ नर्मदा के संरक्षण और संवर्धन के लिए अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन इससे लोगों और समाज का जुड़ना जरूरी है।
ज्ञात हो कि भाजपा लगातार जनजातीय वर्ग पर अपना ध्यान बढ़ा रही है। बीते सात माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और गृहमंत्री अमित शाह के दो दौरे इसी वर्ग के लिए आयोजत कार्यक्रमों में हो चुके हैं। अब भाजपा का ध्यान नर्मदा नदी के तट पर बसे जनजातीय वर्ग पर है। इसके लिए उसने नर्मदा की स्थिति में बदलाव लाने की मुहिम को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है।
(आईएएनएस)
Created On :   3 May 2022 12:00 AM IST