भाजपा ने कहा- गहलोत अपनी ही सरकार का खंडन कर रहे

BJP said- Gehlot is contradicting his own government
भाजपा ने कहा- गहलोत अपनी ही सरकार का खंडन कर रहे
गहलोत ने बिजली संकट के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया भाजपा ने कहा- गहलोत अपनी ही सरकार का खंडन कर रहे
हाईलाइट
  • कोयला आपूर्ति पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और आपकी ओर से परस्पर विरोधी बयान आ रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में निर्धारित बिजली कटौती एक दैनिक प्रवृत्ति बन गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को बिजली की कमी को राष्ट्रीय संकट करार दिया और केंद्र सरकार पर राज्यों को पर्याप्त कोयले की आपूर्ति करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

हालांकि, प्रदेश भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी सरकार कोयला आपूर्ति पर विरोधाभासी तथ्य पेश कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा शुक्रवार 24 अप्रैल को एक डीआईपीआर पत्र ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था कि राजस्थान में कोयले की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, कोयला आपूर्ति पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और आपकी ओर से परस्पर विरोधी बयान आ रहे हैं।

इससे पहले दिन में गहलोत ने कहा, 16 राज्यों में पारा बढ़ने से बिजली की मांग बढ़ी है, लेकिन उसके मुताबिक कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, जिससे जरूरत के मुताबिक बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। यह राष्ट्रीय संकट है। मैं सभी से इस संकट में एकजुट होने और स्थिति को सुधारने में सरकार का समर्थन करने की अपील करता हूं।

उन्होंने लोगों से घर या कार्यस्थल में गैर-जरूरी बिजली के उपकरणों को बंद करने की अपील की। गहलोत ने बिजली कटौती का विरोध करने के लिए भाजपा पर भी प्रहार किया और कहा, राजस्थान में, राज्य भाजपा बिजली विभाग के कर्मचारियों को बिजली घरों में विरोध के माध्यम से परेशान करके दबाव बनाने का काम कर रही है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या राज्यों को कोयला उपलब्ध कराना केंद्र सरकार का काम नहीं है। क्या राज्य भाजपा का दिशाहीन नेतृत्व केंद्र सरकार से सवाल करेगा कि वह मांग के मुताबिक कोयला क्यों उपलब्ध नहीं करा पा रही है।

इस बीच पूनिया ने कहा, अक्सर कोयले की कमी की बात की जाती है, लेकिन राजस्थान सरकार के 24 अप्रैल के डीआईपीआर के पत्र में स्पष्ट किया गया है कि राजस्थान में कोयले की कोई कमी नहीं है और राज्य निर्बाध रूप से आपूर्ति करेगा। इसलिए यह पत्र मुख्यमंत्री के शब्दों और कार्यो के विरोधाभास को उजागर करता है।

राजस्थान गंभीर बिजली संकट से जूझ रहा है और 1 से 6 घंटे बिजली कटौती आम बात हो गई है। बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच बहुत बड़ा अंतर है और इसलिए राजधानी सहित सभी संभागीय मुख्यालयों में एक घंटे के लिए, जिलों में दो घंटे, कस्बों में तीन घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में छह घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   29 April 2022 4:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story