15 महीने के आंदोलन ने किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाया : भाजपा नेता

BJP leader says 15 months agitation harmed farmers interests
15 महीने के आंदोलन ने किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाया : भाजपा नेता
बयान 15 महीने के आंदोलन ने किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाया : भाजपा नेता
हाईलाइट
  • अधिकांश किसानों ने न तो आंदोलन में भाग लिया और न ही वे विरोध के पक्ष में थे

नई दिल्ली, 9 दिसम्बर (आईएएनएस)। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आंदोलन स्थगित करने के फैसले का स्वागत किया।

भाजपा नेता ने कहा कि अब वापस लिए जा चुके कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर 15 महीने से चल रहे आंदोलन ने किसानों को फायदा पहुंचाने के बजाय उनके हितों को नुकसान पहुंचाया है।

उत्तर प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा सदस्य और भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष विजयपाल सिंह तोमर ने आईएएनएस को बताया कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से किसानों की आय दोगुनी करने की प्रक्रिया धीमी हो गई है।

उन्होंने कहा, मोदी सरकार की ओर से आय दोगुनी करने की प्रतिबद्धता के साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए कानून लाए गए थे। अब तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के साथ प्रक्रिया धीमी हो गई है। मोदी सरकार अब उनकी मदद करने के अन्य तरीके खोजेगी।

उन्होंने दावा किया कि अधिकांश किसानों ने न तो आंदोलन में भाग लिया और न ही वे विरोध के पक्ष में थे।

भाजपा नेता ने कहा, अधिकांश किसान तीन कृषि कानूनों के लाभ जानते हैं और उन्होंने विरोध का समर्थन नहीं किया। उन्होंने अपने खेत में काम करना जारी रखा, जिसके परिणामस्वरूप रबी और खरीफ फसलों की रिकॉर्ड पैदावार हुई, जो पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक है। अगर किसान एक साल से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, तो देश ने रिकॉर्ड उत्पादन कैसे किया?

तीन कृषि कानूनों पर उनके आंदोलन के लगभग 15 महीने बाद, जिन्हें अब संसद द्वारा निरस्त कर दिया गया है, एसकेएम ने घोषणा की है कि वे अपनी मांगों पर सरकार से सकारात्मक आश्वासन के बाद अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित कर रहे हैं, लेकिन कहा कि इस संबंध में तमाम चीजों की 15 जनवरी को समीक्षा की जाएगी।

एसकेएम के एक नेता युद्धवीर सिंह ने कहा, हम सरकार के पत्र से खुश हैं। हम अपनी जीत का जश्न मनाने और 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं और अन्य स्थानों पर शिविर स्थलों से लौटने की योजना बना रहे हैं।

 

एकेके/आरजेएस

Created On :   9 Dec 2021 6:30 PM IST

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