प्रियंका के लिए बड़ी चुनौती, रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस को मजबूत बनाए रखना

Big challenge for Priyanka, keeping Congress strong in Rae Bareli and Amethi
प्रियंका के लिए बड़ी चुनौती, रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस को मजबूत बनाए रखना
उत्तर प्रदेश प्रियंका के लिए बड़ी चुनौती, रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस को मजबूत बनाए रखना
हाईलाइट
  • अमेठी के बाद भाजपा की नजर रायबरेली पर

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को राजनीतिक केंद्र में लाने के लिए ओवरटाइम काम कर रही हैं। प्रियंका गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के गढ़ रायबरेली को बचाने की है, जो कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष और उनकी मां सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है। 2019 में अमेठी सीट पर कब्जा करने के बाद भाजपा की नजर अब रायबरेली सीट पर है। पार्टी चुपचाप गांधी परिवार को उत्तर प्रदेश से पूरी तरह से बेदखल करने का काम कर रही है।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जिन्होंने 2019 में अमेठी में राहुल गांधी को हराया था। रायबरेली में पार्टी का आधार बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। दो लोकसभा क्षेत्रों - अमेठी और रायबरेली की कुल दस विधानसभा सीटों में से छह पहले से ही भाजपा के पास हैं। रायबरेली से कांग्रेस के दो विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह भाजपा में शामिल हो गए हैं और रायबरेली से कांग्रेस एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह भी भगवा पार्टी का दामन थाम चुके हैं।

इन दोनों जिलों की जिला पंचायतों पर भी बीजेपी का कब्जा है। रायबरेली में ईरानी ने जुलाई में रायबरेली जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति के अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी की जगह ली थी। सोनिया गांधी की अपने निर्वाचन क्षेत्र से लंबे समय तक अनुपस्थिति, मुख्य रूप से उनके स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के कारण ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा दिया है। दो मौजूदा विधायकों सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं के चले जाने से उस क्षेत्र में पार्टी को नुकसान पहुंचा है, जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था।

रायबरेली और अमेठी पर ध्यान केंद्रित कर रहीं प्रियंका गांधी भी राज्य स्तर के मुद्दों में व्यस्त रहने के कारण दोनों निर्वाचन क्षेत्रों को ज्यादा समय नहीं दे पाई हैं। दूसरी ओर भाजपा ने अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए अपने प्रयास तेज किए हैं। रायबरेली और अमेठी में कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। रायबरेली के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता इंद्रेश विक्रम सिंह ने दो निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस के लिए मौजूदा स्थिति के बारे में बात की है।

उन्होंने कहा यह सही समय है। जब पार्टी नेतृत्व ने वफादारों को मान्यता दी और उन्हें महत्व दिया। जो कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ काम करते थे। वे अभी भी कांग्रेस में हैं। लेकिन हमारे नेता अब अन्य दलों के नेताओं को शामिल करते हैं और बाहर से नए चेहरे लाते हैं। ऐसे नेता अपने स्वार्थ के लिए पार्टी को छोड़ देते हैं।सिंह ने कहा इसके अलावा पार्टी को सभी मुद्दों पर अपना स्टैंड मजबूत करना होगा और नेताओं को खुद को सुलभ बनाना होगा। 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले 27 साल यूपी बेहाल अभियान के बाद पार्टी नेतृत्व ने सपा के साथ गठबंधन करने का फैसला किया। पार्टी नेताओं को लोगों से जुड़े मुद्दों के लिए लगातार लड़ते हुए दिखना चाहिए।

 

(आईएएनएस)

Created On :   4 Nov 2021 8:30 PM IST

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