बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत को सीएम आवास के पास प्रचार करने से रोका गया

Bengal BJP President Sukant stopped from campaigning near CM residence
बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत को सीएम आवास के पास प्रचार करने से रोका गया
पश्चिम बंगाल उपचुनाव बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत को सीएम आवास के पास प्रचार करने से रोका गया
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डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कोलकाता में बुधवार को भाजपा की बंगाल इकाई के नवनियुक्त प्रमुख सुकांत मजूमदार को हरीश चटर्जी स्ट्रीट स्थित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के सामने प्रचार करने से रोका गया। इसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। सुकांत भवानीपुर में होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव के सिलसिले में प्रचार कर रहे थे।

सुकांत मजूमदार भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के लिए प्रचार कर रहे थे, जो भवानीपुर में 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव में मुख्यमंत्री ममता के खिलाफ मैदान में उतरी हैं। सुकांत के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं के समूह को पुलिस ने इस आधार पर रोक दिया उनके पास मुख्यमंत्री आवास के सामने प्रचार करने की आवश्यक अनुमति नहीं थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, मुख्यमंत्री का आवास उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में आता है और इतने लोगों के साथ वहां एक विशाल रैली करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

सुकांत मजूमदार राज्य इकाई के प्रमुख बनने के बाद शहर में अपनी पहली रैली निकाल रहे थे। वह पुलिस के साथ मौखिक रूप से उलझ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल के निर्देश पर उन्हें रोका गया।भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने दावा किया कि कार्यकर्ता समूह ने घर-घर प्रचार के लिए चुनाव आयोग द्वारा निर्दिष्ट लोगों की संख्या का अनुपालन किया, लेकिन पुलिस ने कहा कि समूह में तय संख्या से अधिक लोग थे।

सड़क के दूसरे छोर पर प्रचार करने के दौरान मजूमदार ने संवाददाताओं से कहा, तृणमूल डरी हुई है और भाजपा को प्रचार नहीं करने दे रही है, लेकिन लोग मानेंगे नहीं, बैरिकेड तोड़ देंगे। उन्होंने कोलकाता पुलिस पर विपक्षी राजनीतिक दलों के खिलाफ पक्षपात करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल पुलिस और कोलकाता पुलिस का प्रोफेशनलिज्मनष्ट हो गया है। मजूमदार ने कहा कि पार्टी के भीतर चर्चा के बाद इस मामले में कदम उठाए जाएंगे।

प्रियंका टिबरेवाल ने दावा किया कि आवश्यक अनुमति होने के बावजूद उन्हें मंगलवार को भी सड़क पर प्रचार करने से रोका गया। उन्होंने कहा, जिस सड़क पर मतदाता हैं, वहां अनुमति होने के बावजूद मैं या हमारी पार्टी वहां प्रचार करने के लिए क्यों नहीं जा सकतीं। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल नेता क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से प्रचार कर रहे थे। प्रियंका ने कहा, लोग सब कुछ देख रहे हैं। मुख्यमंत्री भाजपा से डरती हैं और इसलिए वह हमें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रही हैं।

कल मेरे पास अनुमति थी, लेकिन उन्होंने हमें हरीश चटर्जी स्ट्रीट में प्रवेश करने की अनुमति क्यों नहीं दी? मुख्यमंत्री का निवास निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है, लेकिन हम वहां प्रचार नहीं कर सकते! क्या यही लोकतंत्र है?पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) आकाश मघारिया ने आरोप को खारिज करते हुए कहा, उनके पास टीकाकरण प्रमाणपत्र नहीं था और वह उच्च सुरक्षा घेरे को तोड़ने की कोशिश कर रही थीं, यही वजह है कि उन्हें उस सड़क से हटा दिया गया था।

(आईएएनएस)

 

Created On :   22 Sept 2021 9:00 PM IST

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