मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले से बीजेपी की नजर बागी हुए विधायकों और कार्यकर्ताओं पर, चुनाव से पहले पार्टी की तैयारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में इस साल के नवंबर माह में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बार के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कर्नाटक की तरह ही एमपी में भी कड़ा मुकाबला देखने को मिलने की संभावनाएं हैं। दोनों पार्टियों ने इसके लिए एमपी में भी कमर कस ली है। राज्य में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी एंटी इनकंबेंसी का सामना कर रही है। जिसे देखते हुए बीजेपी ने बागी हुए नेताओं की घर वापसी करना शुरू कर दी है। एमपी में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश कार्यालय में गुरुवार को दमोह जिले से पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया और उनके अन्य साथियों को पार्टी में शामिल कर लिया। इस दौरान सिद्धार्थ मलैया ने कहा कि उनकी घर वापसी हुई है।
बता दें कि, साल 2018 के विधानसभा चुनाव में दमोह विधानसभा सीटे पर जयंत मलैया को बीजेपी की ओर से टिकट मिला था। नतीजे आए और जयंत मलैया को हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद 2021 में इस सीट पर एक बार फिर उपचुनाव हुआ, इस बार पार्टी की ओर से जयंत मलैया को चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया गया। जिसके बाद उनके बेटे पार्टी से बागी हो गए और चुनाव के दौरान जयंत मलैया ने भी पार्टी के लिए प्रचार करना छोड़ दिया। इससे बीजेपी को इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था।
पार्टी की रणनीति
गौरतलब है कि, मलैया परिवार की सबसे बड़ी नाराजगी इसे क्षेत्र के सासंद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से है। इधर, सिद्धार्थ मलैया के बीजेपी में शामिल होने से पहले पिछड़ा वर्ग के नेता प्रीतम लोधी की भी घर वापसी हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी ने प्रीतम लोधी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बाहर का रास्ता दिखाया था।
घर वापसी की होड़ तेज
घर वापसी के मौके पर प्रीतम लोधी और सिद्धार्थ मलैया को वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। ताकि, इससे पार्टी में शामिल हुए नेताओं के सम्मान को आघात न पहुंचे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता इन दिनों राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में दौरा करते हुए पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं को पार्टी में शामिल करने में लगे हुए हैं। साथ ही, बीजेपी नेता क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में चुनाव से पहले जोश भरने का काम कर रहे हैं।
Created On :   28 April 2023 4:52 PM IST