टिकट देने से पहले बीजेपी ने मध्यप्रदेश में कराया बड़ा सर्वे, 14 नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी, रिपोर्ट पर आलकमान करेंगे फैसला!
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में एंटी इनकंबेंसी का सामना कर रही बीजेपी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पार्टी इस बार के विधानसभा चुनाव में काफी सतर्कता बरत रही है। इसके लिए पार्टी राज्य के सभी जिलों का फीडबैक ले रही है। पार्टी के आलाकमान भी राज्य की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही राज्य में बीजेपी के सभी बड़े नेता अपने कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क कर रहे हैं। सूबे के हर जिले की रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व के नेताओं के संज्ञान में रखी जा रही है। खबर है कि, इसी रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा चुनाव के टिकट को तय किया जाएगा।
आलाकमान ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 6 माह से भी कम का समय बच गया है। 2018 के चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा और सरकार गंवानी पड़ी थी। हालांकि, बाद कांग्रेस में विभाजन के चलते बीजेपी को सत्ता में वापसी करने का मौका मिला। माना जा रहा है कि बीजेपी अपने पिछले चुनाव के आधार पर ही अपनी रणनीति तय कर रही है, इसलिए पार्टी हर एक सीट पर नजर बनाए हुए है। इसके लिए बीजेपी के आलाकमान ने हाल ही में राज्य के 14 बड़े नेताओं को जिले की स्थिति पर नजर बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इनमें कंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय, गोपाल भार्गव, माखन सिंह, प्रभात झा, फग्गन सिंह कुलस्ते, राकेश सिंह, कृष्ण मुरारी मोघे, सुधीर गुप्ता, जयभान सिंह पवैया, राजेंद्र शुक्ल, लाल सिंह आर्य समेत माया सिंह शामिल थीं।
बता दें कि, इनमें शिवराज सरकार के केवल एक मंत्री गोपाल भार्गव शामिल थे। सूत्रों से खबर है कि, इन नेताओं ने अपने -अपने जिलों का दौरा कर राज्य नेतृत्व के साथ रिपोर्ट साझा की। इस दौरान इन नेताओं ने विधायकों, सांसदों और क्षेत्र के अन्य मुद्दों पर कार्यकर्ताओं की राय जानी। गौरतलब है कि, कई क्षेत्रों में मौजूदा विधायकों को लेकर नाराजगी की बात सामने आई है। लेकिन बीजेपी के लिए अच्छी बात यह है कि कई जगह के कार्यकर्ताओं ने अपने क्षेत्र के भावी चेहरे को लेकर भी राय दी।
कट सकते हैं कई मौजूदा विधायकों के टिकट!
इधर, भाजपा खेमे में एक चिंता की बात जरूर है, क्योंकि राज्य में संगठनात्मक बदलाव की बात जोरो-शोरों से उठ रही है। ऐसे में विधायकों और मंत्रियों की रिपोर्ट से पार्टी की चिंता और भी बढ़ गई है। राजनीति जानकारों के मुताबिक, कर्नाटक की तरह ही बीजेपी एमपी विधानसभा चुनाव से पहले भी राज्य के कई सिटिंग विधायकों का टिकट काट सकती है। माना जा रहा है कि यह रिपोर्ट आने चुनाव में टिकट तय करने में अहम भूमिका अदा करेगी। पार्टी के आलाकमान ने कहा है कि बड़े बदलाव करने में ज्यादा समय नहीं बचा है। इसके अलावा पार्टी संगठनात्मक ढांचे में बदलाव किया जा जाएगा और प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर को समय रहते खत्म करने की कोशिश की जाएगी।
Created On :   22 April 2023 4:09 PM IST