चुनावों में प्रचार का केंद्र बना अयोध्या मंदिर, किसको दिलाएगा सियासी कुर्सी?

Ayodhya temple becomes the center of campaign in elections, who will get political chair
चुनावों में प्रचार का केंद्र बना अयोध्या मंदिर, किसको दिलाएगा सियासी कुर्सी?
ABP-C वोटर सर्वे चुनावों में प्रचार का केंद्र बना अयोध्या मंदिर, किसको दिलाएगा सियासी कुर्सी?
हाईलाइट
  • सबका मंदिर पर फायदा किसे

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर वक्त का पहिया तेजी से घूम रहा है और धुरी के केंद्र में उभरा है अयोध्या का राम मंदिर जो अभी निर्माणाधीन है। लखनऊ की सियासी लड़ाई में अयोध्या की धार्मिक भूमिका क्या रहने वाली है?  विवादित ढांचा विवाद के तीन दशक बाद कितना बदला अयोध्या? और अयोध्या में राम मंदिर बनने से बीजेपी को कितना होगा फायदा ? ऐसे ही सवालों पर एबीपी न्यूज़-सी वोटर के सर्वे में जनता का मूड जानने की कोशिश की।

आपको बता दें 29 साल पहले 1992 में अयोध्या कांड हुआ था। करीब  3 दशक में अयोध्या में क्या कुछ बदला है इसी को लेकर पिछले तीन दिनों में सर्वे हुआ है एबीपी न्यूज के लिए सी वोटर ने यूपी के लोगों का मूड जाना है। इस सर्वे में 2 हजार 64 लोगों ने हिस्सा लिया है।
ABP News-C Voter के सर्वे में यूपी के लोगों से पूछा गया कि क्या राम मंदिर निर्माण का बीजेपी को फायदा मिलेगा? इस सवाल पर 59 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया। जबकि  41 फीसदी लोगों ने नहीं कहा।

                               


इसी से जुड़ा एक और सवाल सर्वे में लोगों से पूछा गया कि राम मंदिर निर्माण का श्रेय सबसे ज्यादा किसे देंगे? इस सवाल पर 50 फीसदी लोगों ने कहा बीजेपी को दिया जाना चाहिए। 39 फीसदी लोगों ने कोर्ट को श्रेय दिया। वहीं 11 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने इसका श्रेय न बीजेपी को दिया न ही कोर्ट को।

                              


जब सर्वे में पूछा गया कि अगर बीजेपी जीतती है तो उसमें राम मंदिर को श्रेय कितना होगा? 51 फीसदी ने कहा कि बहुत ज्यादा। 28 फीसदी ने कहा कि बहुत कम और 21 फीसदी लोगों ने पता नहीं में जवाब दिया।

                              

आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव  में जीत कर सत्ता पाने के लिए सभी पार्टियों ने अभी से पूरी ताकत झोंक दी है। सत्तारूढ़ बीजेपी इस चुनाव में राम मंदिर निर्माण को एक बड़े मुद्दे के तौर पर पेश कर रही है। ऐसे में सवाल है कि क्या ये मुद्दा अब भी चुनावी राजनीति को प्रभावित करेगा? 

 

 


 

Created On :   7 Dec 2021 11:01 AM IST

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