माणिक भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग को दी संपत्ति की गलत जानकारी
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य ने नदिया जिले के पलाशीपारा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के दौरान 2021 में चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल हलफनामे में गलत जानकारी दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले की जांच में केस डायरी में ये जानकारी दी।
ईडी के सूत्रों ने कहा कि उक्त हलफनामे में भट्टाचार्य ने बताया कि उनकी कुल चल और अचल संपत्ति 2 करोड़ रुपये से थोड़ी अधिक थी। ईडी के एक अधिकारी ने कहा, हालांकि जैसे-जैसे डब्ल्यूबीएसएससी घोटाले की जांच आगे बढ़ रही है, यह स्पष्ट होता जा रहा है कि उनके स्वामित्व वाली संपत्ति और संपत्ति का वास्तविक मूल्य उनके द्वारा हलफनामे में उल्लिखित संपत्ति से कहीं अधिक है।
हलफनामे में, भट्टाचार्य ने अपने बेटे के बैंक खाते में 2.64 करोड़ रुपये का उल्लेख नहीं किया। उन्होंने 2021 में जो हलफनामा दायर किया, उसमें उन्होंने अपनी पेंशन, डब्ल्यूबीबीपीई अध्यक्ष के रूप में मानदेय और वरिष्ठ नागरिकों की योजना से आय के स्रोत के रूप में रिटर्न का उल्लेख किया।
इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), जो डब्ल्यूबीएसएससी घोटाले में समानांतर जांच कर रही है, उन्होंने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री, पार्थ चटर्जी ने आयोग की स्क्रीनिंग कमेटी के पूर्व संयोजक एसपी सिन्हा के खिलाफ भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने के बारे में बार-बार शिकायत करने वालों की अनदेखी की।
वास्तव में, न्यायमूर्ति रंजीत कुमार बाग (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त जांच समिति ने इस मामले में स्क्रीनिंग कमेटी को घोटाले का केंद्र और सिन्हा को मुख्य मास्टरमाइंड माना था। पार्थ चटर्जी और सिन्हा दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
इस बीच, गुरुवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शिक्षक भर्ती घोटाले में चटर्जी की संलिप्तता से अवगत थीं, लेकिन चुप रहीं। अधिकारी ने कहा, ईडी को माणिक भट्टाचार्य के आवास से एक पत्र मिला है जिसमें किसी ने मुख्यमंत्री से चल रही अनियमितताओं की शिकायत की थी। अब मुख्यमंत्री इस मामले में अनभिज्ञता का दावा नहीं कर सकतीं।
(आईएएनएस)
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Created On :   14 Oct 2022 12:00 AM IST