पीपीई किट खरीद में कथित विसंगतियों के खिलाफ आप ने असम में शिकायत दर्ज कराई

AAP files complaint in Assam against alleged discrepancies in PPE kit purchase
पीपीई किट खरीद में कथित विसंगतियों के खिलाफ आप ने असम में शिकायत दर्ज कराई
पीपीई किट घोटाला पीपीई किट खरीद में कथित विसंगतियों के खिलाफ आप ने असम में शिकायत दर्ज कराई
हाईलाइट
  • संवैधानिक शक्ति का दुरुपयोग

डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के बीच जुबानी जंग के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को असम में 2020 में हुई पीपीई किट की खरीद में कथित अनियमितताओं के खिलाफ लतासिल थाने में शिकायत दर्ज कराई।

आप सदस्यों ने पीपीई किट की खरीद में गड़बड़ी के खिलाफ गुवाहाटी में एक प्रदर्शन भी किया। आप ने राज्यपाल जगदीश मुखी को लिखे पत्र में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को निलंबित करने और उनके खिलाफ जांच शुरू करने की मांग की है।

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में या केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। आप के असम राज्य सचिव विक्टर गोगोई ने सोमवार को लतासिल पुलिस स्टेशन में असम में 2020 में हुई पीपीई किट की खरीद में कथित विसंगतियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।

गोगोई ने अपनी शिकायत में कहा, 2020 में सरमा जब असम के स्वास्थ्य मंत्री थे, उनकी पत्नी की कंपनी जेसीबी इंडस्ट्रीज और उनके परिवार के सहयोगी की कंपनी मेडिटाइम हेल्थकेयर को 990 रुपये प्रति पीस की कीमत पर पीपीई किट खरीदने का ऑर्डर मिला था। यह इस तथ्य के बावजूद कि सरकार के पास अन्य डीलरों से 600 रुपये की कीमत पर किट खरीदने का विकल्प था।

पार्टी ने आरोप लगाया, सरमा के बिजनेस पार्टनरों को भी सरकार से 990 रुपये प्रति किट की कीमत पर पीपीई किट उपलब्ध कराने का आदेश मिला। सरमा की पत्नी एजाइल एसोसिएट्स के बिजनेस पार्टनर के स्वामित्व वाली कंपनी को 2,205 रुपये प्रति किट की कीमत पर 10,000 पीपीई किट डिलीवरी का ऑर्डर मिला था। आप के जिला समन्वयक अब्दुल मजीद ने राज्यपाल जगदीश मुखी को लिखे पत्र में सरमा के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने (सरमा) अपने परिवार के हित के लिए अपनी संवैधानिक शक्ति का दुरुपयोग किया।

आप नेता ने कहा, यह एक बहुत ही गंभीर मामला है और इसलिए आप मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करने की मांग करती है। जांच को प्रभावित होने से बचाने के लिए मुख्यमंत्री सरमा को तुरंत उनके पद से निलंबित कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि उनके पास गृह विभाग भी है। यह मुद्दा उठाने पर असम के मुख्यमंत्री ने रविवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी थी। अगले दिन उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2020 में बिना टेंडर कहीं से भी पीपीई किट खरीदने की पेशकश की थी।

उन्होंने कहा, दिल्ली के सीएम ने बिना टेंडर के कहीं से भी पीपीई किट खरीदने की पेशकश क्यों की? क्या उनके डिप्टी सीएम को लगता है कि सीएम भ्रष्ट हैं, क्योंकि उन्होंने किसी को तुरंत कहीं से पीपीई किट की व्यवस्था करने के लिए कहा था और कहा था कि दिल्ली सरकार किट खरीद लेगी। टेंडर वगैरह का कोई संदर्भ नहीं था। भाजपा के लोकसभा सदस्य व पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने पीपीई किट खरीद के लिए अपने सांसद एलएडी चिकित्सकीय संसाधन फंड से एक करोड़ रुपये देने का वादा किया था।

सरमा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा 6 अप्रैल, 2020 के एक ट्वीट को टैग किया, जिसमें उन्होंने गौतम गंभीर से तुरंत कहीं से पीपीई किट की व्यवस्था करने का अनुरोध किया था। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने शनिवार को सरमा के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक नया आरोप लगाया था। उन्होंने सरमा पर कोविड आपातकाल के दौरान अपने परिजनों को पीपीई किट अनुबंध देने का आरोप लगाया था।

सिसोदिया ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि असम सरकार ने अन्य कंपनियों से 600 रुपये प्रति पीस के लिए पीपीई किट की खरीद की, सरमा ने अपनी पत्नी रिंकी भुयां शर्मा और बेटे के व्यापारिक भागीदारों की फर्मो को 990 रुपये प्रति पीस के लिए तत्काल आपूर्ति के आदेश दिए। इस तरह उन्होंने आपात स्थिति का लाभ उठाया। सरमा ने बाद में सिसोदिया पर पलटवार करते हुए उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी दी थी। सरमा ने ट्वीट किया, प्रवचन देना बंद करो और मैं जल्द ही आपको गुवाहाटी में देखूंगा, क्योंकि आप आपराधिक मानहानि का सामना करेंगे।

एक अन्य ट्वीट में, सरमा ने शनिवार को कहा, ऐसे समय में जब पूरा देश 100 से अधिक वर्षो में सबसे खराब महामारी का सामना कर रहा था, असम के पास शायद ही कोई पीपीई किट थी। मेरी पत्नी ने आगे आने का साहस किया और लगभग 1,500 लोगों को मुफ्त में दान दिया। जान बचाने के लिए सरकार। उसने एक पैसा भी नहीं लिया।

असम सरकार ने शनिवार को पीपीई किट और सैनिटाइजर की आपूर्ति में अनियमितता के आरोपों का जोरदार खंडन किया और कहा कि सरमा का परिवार कथित कदाचार में शामिल था। असम के सूचना और जनसंपर्क मंत्री पीयूष हजारिका, जो राज्य सरकार के प्रवक्ता भी हैं, ने कहा कि पीपीई किट की आपूर्ति में कोई अनियमितता नहीं थी और सरमा के परिवार का कोई भी सदस्य शामिल नहीं था।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   6 Jun 2022 6:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story