अंबेडकर जयंती पर आजादी की मांग: नगीना से सांसद व आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र

नगीना से सांसद व आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र
  • भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक अंबेडकर
  • मनाने के लिए सीएम मुख्यमंत्री से पूर्ण स्वतंत्रता दी जाने की मांग
  • भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद व आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने राज्य के हर जिले में संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाने के लिए सीएम मुख्यमंत्री से पूर्ण स्वतंत्रता दी जाने की मांग की है। सांसद आजाद ने इसके लिए सीएम को एक पत्र भी लिखा है, पत्र में उन्होंने जयंती मनाने में बाधा डालने वाले अधिकारियों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने को कहा है।

सांसद चंद्रशेखर ने मुख्यमंत्री को भेजे गए लेटर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सार्वजनिक रूप से साझा किया है। सांसद आजाद ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि भारत रत्न, परम पूज्य बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, जो भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक हैं, उनकी जयंती को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही है। यह केवल अंबेडकर अनुयायियों पर नहीं, बल्कि संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। घटनाएं न केवल प्रशासन की मनमानी को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी सिद्ध करती हैं कि सरकार और प्रशासन में कुछ तत्व संविधान के प्रति जवाबदेह नहीं रह गए हैं। बाबासाहेब की जयंती को रोकने का प्रयास केवल बहुजन समाज का अपमान नहीं, बल्कि संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है।

सांसद ने आगे लिखा कि जिन जिलों में आयोजनों के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है, वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण लिया जाए कि किन आधारों पर यह असंवैधानिक निर्णय लिया गया। ऐसे भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में किसी भी सामाजिक समूह के अधिकारों का हनन न हो। इस संबंध में सरकार स्पष्ट आदेश जारी करे कि किसी भी जिले में अंबेडकर जयंती के आयोजनों में कोई बाधा न डाली जाए और सभी प्रशासनिक इकाइयों को इसमें सहयोग करने का निर्देश दिया जाए। यदि इन मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो हम इसे बहुजन समाज और सामाजिक न्याय की विचारधारा के विरुद्ध साजिश मानेंगे और लोकतांत्रिक व संवैधानिक दायरे में रहकर कड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

सांसद ने कहा कि संविधान निर्माता का अपमान किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। लोकतंत्र में सभी को अपने महापुरुषों को सम्मान देने और उनके विचारों का प्रचार-प्रसार करने का समान अधिकार है। सरकार से अपेक्षा है कि इस पत्र को गंभीरता से लिया जाए और तत्काल ठोस कार्रवाई की जाए।

Created On :   30 March 2025 2:17 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story