'वन नेशन, वन इलेक्शन': बीजेपी के 20 से ज्यादा सांसद रहे गैरहाजिर, अब पार्टी अपने ही सांसदों के खिलाफ जारी करेगी नोटिस

बीजेपी के 20 से ज्यादा सांसद रहे गैरहाजिर, अब पार्टी अपने ही सांसदों के खिलाफ जारी करेगी नोटिस
  • 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर सदन में हुई वोटिंग
  • अब बिल को जेपीसी में पेश करेगी सरकार
  • दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत जरुरत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में इस वक्त वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर सियासत गर्म है। संसद में मंगलवार को वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पेश किया गया। फिर वोटिंग हुई। जिसमें बीजेपी के ही 20 से ज्यादा सांसद वोटिंग करने नहीं पहुंचे। जिसके बाद पार्टी ने अपने सांसदों को नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है।

बता दें कि, आज वोटिंग के दौरान बीजेपी के 20 से ज्यादा सांसद मौजूद नहीं थे। इससे पहले बीजेपी ने अपने लोकसभा सदस्यों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हीप जारी किया था। मंगलवार को सरकार ने संसद में 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर 'संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024' और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक 2024 लेकर आई।

इन नेताओं को जारी किया जाएगा नोटिस

पार्टी की तरफ से जिन सांसदों को नोटिस भेजने की तैयारी की गई है, उनमें कुछ नाम सामने आए हैं। इनमें जगदंबिका पाल, गिरीराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, शांतुनु ठाकुर, बीएस राघवेंद्र, विजय बघेल, भागीरथ चौधरी, उदयराजे भोंसले, जयंत कुमार रॉय और जगन्नाथ सरकार का नाम शामिल है। हालांकि, पार्टी ने पहले ही अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर सदन में उपस्थित होने को कहा था। लेकिन इसके बावजूद भी बीजेपी सांसद सदन में गैरहाजिर रहे।

आज लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। कानून मंत्री ने लोकसभा में संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करने का प्रस्ताव रखा। फिर सदन में चर्चा के शुरुआती होने के दौरान ही विपक्ष ने वोट विभाजन की मांग की। जिसके बाद 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर वोटिंग हुई। इस प्रस्ताव के पक्ष में 269 सांसदों ने वोट किया। वहीं, 198 सांसदों ने विधेयक के विरोध में वोट किया। बिल को लेकर लगातार विपक्ष हमलावर दिखाई दे रहा है।

दो-तिहाई वोटिंग की जरुरत

नियमों के मुताबिक, संविधान में ऐसे संशोधनों को लोकसभा से पारित होने के लिए दो-तिहाई सदस्यों के समर्थन की जरुरत होती है। जिसे आज कांग्रेस ने भी मुद्दा बनाया। कांग्रेस ने आज के दिन को उदाहरण के रूप में लेते हुए बताया कि संविधान संशोधन विधेयक को पेश करने के लिए मतदान में 461 सदस्यों ने हिस्सा लिया। अगर यह विधेयक पारित करने के लिए मतदान होता तो उन 461 में से 307 को इसके पक्ष में मतदान करना पड़ता, लेकिन केवल 269 ने ही मतदान किया। इसके बाद कांग्रेस ने कहा, "इस विधेयक को समर्थन नहीं मिला है। कई दलों ने इसके खिलाफ बोला है। साथ ही, दो तिहाई वोटिंग भी नहीं हुई है। फिर बिल कैसे पास होगा?"

दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत जरूरी

लोकसभा में 543 सीटों हैं। जिसमें एनडीए के पास 292 सीटें हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन के पास ऐसे में दो तिहाई बहुमत के लिए 362 का आंकड़ा जरूरी है। वहीं, राज्यसभा की 245 सीटों में एनडीए के पास अभी 112 सीटें हैं, वहीं 6 मनोनीत सांसदों का भी उसे समर्थन है। जबकि विपक्ष के पास 85 सीटें हैं। दो तिहाई बहुमत के लिए राज्यसभा में 164 सीटें जरूरी हैं। केंद्र सरकार इस विधेयक को लेकर आम सहमति बनाना चाहती है। सरकार इस पर चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है।

Created On :   17 Dec 2024 7:42 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story