लोकसभा चुनाव 2024: जानिए कौन हैं पल्लवी पटेल? चुनावी मैदान में जिनके आने से उड़ गई अखिलेश यादव की नींद, इन सीटों पर होगा भारी नुकसान?
- पल्लवी पटेल फूलपुर, कौशाम्बी और मिर्ज़ापुर सीट से उतारेंगी प्रत्याशी
- वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई और इसके बाद यह किया फैसला
- पल्लवी पटेल ने जया बच्चन को उम्मीदवार बनाये जाने का किया था विरोध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव होने में कुछ ही दिन शेष हैं। लेकिन इससे पहले अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने फूलपुर, कौशाम्बी और मिर्ज़ापुर सीट पर अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। बता दें कि पल्लवी पटेल और कृष्णा पटेल ने बुधवार को पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई और इसके बाद यह फैसला किया। ऐसे में आइए जानते हैं कौन हैं पल्लवी पटेल? साथ ही, उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनकी क्या भूमिका है? जिसके चलते अखिलेश यादव भी परेशान हैं।
कौन हैं पल्लवी पटेल?
पल्लवी पटेल अपना दल के संस्थापक डॉ. सोने लाल पटेल की बेटी हैं। पल्लवी के राजनीतिक पहचान की बात करें तो वह वर्तमान में अपना दल (कमेरावादी) की बड़ी नेता और अपने सहयोगी दल समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार के रूप में सिराथू से उत्तर प्रदेश विधानसभा सीट की वर्तमान सदस्य हैं। इसके साथ ही पल्लवी पटेल इंडिया गठबंधन का भी हिस्सा हैं। भले ही पल्लवी फूलपुर, कौशाम्बी और मिर्ज़ापुर सीट पर अपने प्रत्याशी उतार रही हों। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने साफ किया कि वह इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनी रहेंगी। पल्लवी पटेल ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में योगी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू विधानसभा सीट से हराया था। ऐसे में पल्लवी की ओर से तीन सीटों पर उतारे गए प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारना अखिलेश यादव को बेचैन कर रहा है।
अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान क्यों?
अखिलेश यादव से पल्लवी पटेल की नाराजगी राज्यसभा चुनाव के दौरान सामने आई थी। जब पल्लवी पटेल ने जया बच्चन और अलोक रंजन को उम्मीदवार बनाने का विरोध किया था। इसके साथ ही पल्लवी और अखिलेश के बीच वोटिंग को लेकर भी बहस हुई थी। चर्चा है कि इस राजनीतिक नाराजगी से ही पल्लवी ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इससे पहले वो अखिलेश यादव की पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली थीं। लेकिन अब वो अपने प्रत्याशी अलग उतारेंगी। जो समाजवादी पार्टी के ही वोट काट सकते हैं। इसका खामियाजा अखिलेश यादव को ही भुगतना होगा।
Created On :   20 March 2024 7:53 PM IST