दिल्ली शराब नीति मामला: जमानत को लेकर केजरीवाल ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती

जमानत को लेकर केजरीवाल ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती
  • सुप्रीम कोर्ट पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
  • हाई कोर्ट से जमानत पर लगी रोक को दी चुनौती
  • राउज एवेन्यू कोर्ट से मिली थी जमानत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली शराब नीति मामले में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को याचिका दाखिल की है। दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत पर रोक लगने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। कोर्ट में केजरीवाल के वकीलों ने 24 जून यानी सोमवार की सुबह सुनवाई करने की गुहार लगाई है।

राउज एवेन्यू कोर्ट ने दी थी जमानत

बता दें, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1 लाख के मुचलके पर 20 जून को जमानत दी थी। हालांकि, कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत कुछ शर्तों के तहत दी थी। जज ने केजरीवाल को जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने के प्रयास ना करने का आदेश दिया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 जून को दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें ईडी ने केजरीवाल को दी गई जमानत याचिका को चुनौती दी थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने निचली अदालत की केजरीवाल को जमानत देने के आदेश पर अंतिरम रोक लगा दी थी।

कोर्ट ने जमानत पर फैसला रखा सुरक्षित

हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस सुधीर कुमार जैन की वेकेशन बेंच ने की थी। बेंच ने कहा था कि केजरीवाल की जमानत पर स्टे हाई कोर्ट के अगले आदेश तक लगी रहेगी। कोर्ट ने कहा था कि केजरीवाल के मामला का पूरा रिकॉर्ड देखने के फैसला 2 से 3 दिनों के लिए सुरक्षित रख रही है। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान निचली अदालत के आदेश का विरोध कर रही ईडी के वकील एसवी राजू ने बेंच के सामने दलील पेश की। इस दलील में जांच एजेंसी के वकील ने बताया कि कोर्ट में ईडी को अपना मामला रखने के लिए पर्याप्त मौका नहीं दिया गया।

इस पर केजरीवाल के तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि हाई कोर्ट ने ईडी के वकील के आरोपों को गलत ठहाराया था। सिंघवी ने कोर्ट में तर्क दिया था कि देश में आतंकवादियों से संबंधित मामलों में जमानत देने के आदेशों पर अंतरिम रोक लगाई जाती है। जमानत पर रोक केवल उन आदेशों पर लगाई जाती है जो खतरनाक होते हैं या जिनके जमानत मिलने के बाद भागने की संभावना होता है।

Created On :   23 Jun 2024 2:01 PM GMT

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